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झारखंड : कब्रिस्तान में दिलाई जाती थी आत्मघाती बनने की शपथ, बड़ी साजिश के आरोप में गिरिडीह से 11 लोग गिरफ्तार 

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डेस्क:
प्रदेश के गिरिडीह(Giridih) जिले से देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त के आरोप में 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। ये लोग बड़ी साजिश(Conspiracy) अंजाम देने देने की तैयारी में थे। पकड़े गए आरोपी गिरिडीह के 1000 से ज्यादा युवाओं को शकील बिन हनीफ संगठन से जोड़ चुके थे। ये लोग युवाओं को कट्‌टरता(radicalisation) और जेहादी पाठ पढ़ाते थे। इस दौरान दो युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए तो स्थानीय लोगाें ने उनके खिलाफ विरोध शुरू किया।

स्थानीय लोगों ने कहा- देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे युवक 
हिंदी दैनिक अखबार भास्कर की टीम शनिवार को भंडारीडीह पहुंची। टीम को स्थानीय लोगों ने बताया कि पकड़े गए आरोपी देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे। ये लोग नफरत की दीवार खड़ा कर समाज को बांटने की साज़िश कर रहे थे। मिली जानकारी के मुताबिक़ दरभंगा से 2018 में आए ये लोग युवकों को जाल में फंसाकर उनका ब्रेनवाश करते और जेहादी पाठ पढ़ाते लोग । वे भंडारीडीह, पचंबा, बिशनपुर, बड़ा चौक, कोलडीहा, 28 नंबर, बनियाडीह सहित आसपास के इलाकों के लगभग 1000 मुस्लिम युवकों को संगठन से जोड़ जुके हैं। उनकी ट्रेनिंग इतनी सख्त थी कि जाल में फंसे युवक परिजनों की भी सुनने को तैयार नहीं थे। इसी चक्कर में भंडारीडीह के दो युवक विक्षिप्त हो चुके हैं। दोनों का इलाज रांची में कराया जा रहा है। 

कब्रिस्तान में दिलाई जाती थी शपथ 
कट्टरपंथियों से जुड़े एक युवक ने बताया कि वह 6 माह तक साथ रहा था। वहां हर दिन 2 घंटे कट्‌टरता का पाठ पढ़ाया जाता था। इन युवाओं को हर महीने 10 से 20 हजार रुपए पगार की पगार दी जाती थी। कब्रिस्तान में शपथ दिलाई जाती थी। बताया जाता था कि शरीर कुछ भी नहीं है। इसे जहां चाहो, जिस रूप में चाहो, इस्तेमाल कर सकते हो। आत्मघाती बननेे की प्रेरणा दी जाती थी। वे नबी मेंहदी साहब उर्फ शकील बिन हनीफ को मानने वाले लोग हैं। उनकाे नहीं मानने पर कत्ल की चेतावनी देते थे। 

आरोपियों के पैसे के जरिये का पता लगायेगी पुलिस  
जानकारी के मुताबिक़ पकड़े गए लोग मौलाना-मौलवी के वेश युवकों को ट्रेनिंग देते थे। भंडारीडीह मेंं मुस्लिम आबादी करीब 20 हजार है। इसी में आरोपियों ने मोहल्ले के बीच में मो. अम्मार हसन के घर को ठिकाना बनाया था। मौलाना-मौलवी के वेश में देख लोगों को लगा कि वे धर्म की शिक्षा दे रहे हैं। बाद में पता चला कि वे नफरत की पाठशाला चला रहे थे। देश के खिलाफ जेहाद की बात करते थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।  संगठन के तार कहां से जुड़े हैं, इन्हें पैसे कहां से मिलते हैं, इसकी छानबीन जारी है।