द फॉलोअप डेस्क, चाईबासा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाईबासा संसदीय क्षेत्र के टाटा कॉलेज मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने सिंहभूम में प्रत्याशी गीता कोड़ा और खूंटी में बीजेपी के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा के लिए जनता से वोट की अपील की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी और झारखंड का रिश्ता दिल का है। हमें पता होता है कि झारखंड के मन में क्या चल रहा है। यही वजह है कि बीजेपी ने ही अलग झारखंड राज्य की नींव रखी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग झारखंड राज्य का निर्माण किया। कांग्रेस ने उसके पहले 55 साल के शासनकाल में हमेशा झारखंड राज्य की अवधारणा का विरोध किया। पीएम ने कहा कि हमारा, झारखंड से दिल का रिश्ता है और मेरे लिए दिल्ली से ज्यादा जरूरी दिल है। पहले हर योजना दिल्ली से ही लॉन्च की जाती थी लेकिन मेरा झारखंड दिल्ली से कम है क्या? हमने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत यहां की।
कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत झारखंड से
पीएम ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर झारखंड से ही आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई जिसके जरिए करोड़ों गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। झारखंड के ही दुमका से मुद्रा योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के जरिए करोड़ों नौजवानों को भविष्य बनाने का मौका मिला। अपने मन का काम करने को पैसा मिला। झारखंड में ही क्रांतिकारी धरती आबा बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू से पीएम जनमन योजना की शुरुआत की गई। 24000 करोड़ की लागत वाली इस योजना से अति पिछड़ा जनजातीय आदिवासी भाई-बहनों की जिंदगी बदल रही है। पीएम ने कहा कि हमने धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती को एक और पहचान दी। उनकी जयंती को देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। रांची में उनके बलिदान स्थल में म्यूजियम का लोकार्पण किया। झारखंड की ही पहली महिला और आदिवासी राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया। कांग्रेस ने तो इसका भी विरोध किया था।
कांग्रेस ने आदिवासियों के बलिदान का सम्मान नहीं किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड, वीर आदिवासी क्रांतिकारियों की धरती है लेकिन कांग्रेस ने देश की आजादी का श्रेय एक ही परिवार को देना चाहा। हमने खूंटी से विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत की। कांग्रेस ने कभी आदिवासियों के बलिदान का सम्मान नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए झारखंड दिल्ली से बड़ा है। पीएम ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने ही पहली बार जनजातीय मंत्रालय बनाया। उसके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया। एकलव्य विद्यालय खोले गए। नई शिक्षा नीति में स्थानीय और मातृभाषा में ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की व्यवस्था की ताकि आदिवासी बच्चे-बच्चियां भी डॉक्टर और इंजीनियर बन सकें। वैज्ञानिक बनने का सपना पूरा कर सकें।