रांची: झारखंड सरकार ने सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए निजी चिकित्सकों से उपचार कराने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को यहां एक समारोह में 365 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है।
हमने इस संबंध में कई पहल की हैं और एक ऐसी प्रणाली विकसित कर रहे हैं, जिससे लोगों को दूसरे राज्यों में इलाज कराने की जरूरत न पड़े। राज्य के स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा, ‘‘विशेष रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से निपटने के लिए सरकार ने इन चिकित्सा संस्थानों में निजी चिकित्सकों को इलाज करने की अनुमति देने का फैसला किया है।
उन्हें उनकी सेवाओं के लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की सफाई, मरम्मत और रखरखाव में सुधार के उद्देश्य से हाल ही में शुरू की गई योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। इन उद्देश्यों के लिए पांच करोड़ रुपये का वार्षिक बजट आवंटित किया गया है। सोरेन ने कहा कि उप-स्वास्थ्य केंद्रों के लिए दो लाख रुपये, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पांच लाख रुपये, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 10 लाख रुपये, उप-मंडलीय अस्पतालों के लिए 50 लाख रुपये और जिला अस्पतालों के लिए 75 लाख रुपये सालाना साफ-सफाई और रखरखाव के लिए रखे गए हैं।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में कार्यबल बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भर्ती प्रयासों का भी उल्लेख किया। जाहिर तौर पर भारतीय जनता पार्टी की आलोचना का जवाब देते हुए सोरेन ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि भले ही कुछ आलोचक रोजगार के मुद्दों पर सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं, लेकिन हजारों भर्तियां जारी हैं।