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Ranchi : विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर रघुवर दास ने उठाए सवाल, कहा- आखिर मंशा क्या है! 

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रांची: 

झारखंड सरकार ने 5 सितंबर को विधानसभा का 1 दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है। सरकार इस सत्र में विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने इस पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यंमत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि सरकार विशेष सत्र में बहुमत साबित करेगी लेकिन इसकी मांग ना तो विपक्ष ने की है और ना ही राज्यपाल ने ऐसा कोई निर्देश दिया है। फ्लोर का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है, समझ से परे है। 

केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर सोरेन परिवार! 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 दिन का सत्र बुलाने पर लाखों रुपये का खर्च आएगा। इस खर्चे का भार राज्य की जनता पर पड़ेगा। रघुवर दास ने मौजूदा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीते ढाई वर्षों में महागठबंधन सरकार ने बालू, गिट्टी, कोयला और शराब का अवैध तरीके से व्यापार तथा ट्रांसफर-पोस्टिंग के जरिए करोड़ों रुपये की उगाही की है। मुख्यमंत्री ने अपने नाम से खनन पट्टा की लीज हासिल कर ली। पूरा सोरेन परिवार केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर है। 

असंतुष्ट विधायकों को साधने की कवायद! 
रघुवर दास ने कहा कि मुख्यमंत्री की विधायकी संकट में है। अपने असंतुष्ट विधायकों को साधने और जनता को गुमराह करने के लिए नई-नई घोषणाएं की जा रही है। कहा जा रहा है कि सरकार 1932 या 1965 के खतियान पर आधारित स्थानीयता का कानून लाने की योजना बना रही है। इसी साल 23 मार्च को मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि 1932 के आधार पर स्थानीय नीति नहीं बनाई जा सकती तो अचानक ये हृदय परिवर्तन कैसे हो गया। समझ से परे है। 

जनता को गुमराह करने वाली घोषणाएं हुईं! 
पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे जनता को गुमराह करने वाली घोषणायें ना करें। यदि राज्यहित में कुछ करना चाहते हैं तो वादों को धरातल पर उतारें। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकाल में वर्ग-3 और 4 की नियुक्तियों में स्थानीय-मूलवासियों के लिए पद आरक्षित किया गया था। ये हाईकोर्ट के निर्देश पर कया गया था लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे कायम नहीं रखा। ये दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेष सत्र में ओबीसी आरक्षण की भी बात की जा रही है। मंशा क्या है।