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राहुल गांधी पर विशेषाधिकार हनन का आरोप, निशिकांत दुबे ने सदस्यता रद्द करने की मांग की 

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द फॉलोअप डेस्कः 
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने विशेषाधिकार हनन नोटिस को लेकर एक संसदीय समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान भाजपा नेता ने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म करने की मांग की। दरअसल, बजट सत्र के पहले चरण में राहुल गांधी के भाषण के बाद निशिकांत दुबे ने सात फरवरी को उनके खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया था। भाषण में राहुल ने हिंडनबर्ग-अदाणी मुद्दे पर टिप्पणी की थी। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए दुबे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा राहुल गांधी की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने के बावजूद वे अब भी उनके और कांग्रेस के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनलों पर उपलब्ध हैं। गौरतलब है कि भाजपा सांसद सुनील सिंह इस समिति के अध्यक्ष हैं।


तीन तरह के नियम लागू होते हैं 
दुबे के हवाले से एक सूत्र ने कहा, न केवल एक बल्कि तीन प्रकार के विशेषाधिकार उन पर लागू होते हैं और वह आदतन ‘अपराधी’ हैं और इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए। पहला, संसद के नियम 352 (2) के तहत किसी भी सांसद या मंत्री के खिलाफ कोई भी गंभीर आरोप लगाने से पहले लोकसभा स्पीकर को जानकारी देकर इजाजत लेनी होती है, जो राहुल गांधी ने नहीं किया। 
दूसरा, कारण ये हो सकता है कि भले ही लोकसभा स्पीकर ने उनके भाषणों को हटा दिया है, लेकिन राहुल गांधी के ट्वीटर हैंडल और यूट्यूब चैनल और इंडियन नेशनल कांग्रेस के YouTube चैनल पर आज भी राहुल गांधी के बिना एक्सपंज किया हुआ भाषण चल रहा है. तीसरा, राहुल गांधी ने स्पीकर के इंटीग्रिटी पर प्रश्न किया और चैलेंज किया. अगर एक बार स्पीकर ने एक्सपंज कर दिया उसको चैलेंज नहीं किया जा सकता, लेकिन राहुल गांधी लगातार देश और यहां तक कि विदेशों में जाकर भी कह रहे हैं कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है।

 

दुबे ने अपनी बात की पुष्टि के लिए दस्तावेज और रिपोर्ट भी पेश किए और इनके जरिए दावा किया कि कांग्रेस नेता के लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और व्यवसायी गौतम अदाणी के विभिन्न सौदे, जिनका राहुल गांधी ने उल्लेख किया था, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान किए गए थे। दुबे ने राहुल गांधी की बर्खास्तगी की अपनी मांग के समर्थन में 1976 में सुब्रमण्यम स्वामी को राज्यसभा से निष्कासित करने का हवाला दिया।