द फॉलोअप डेस्क
राजधानी रांची में रक्तदान को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने और ज़रूरतमंदों की जान बचाने का संकल्प लिए 'कनेक्टिंग होप' संस्था निरंतर कार्य कर रही है। इस मुहिम की अगुवाई कर रहे हैं संस्था के संस्थापक रंजन कुमार, जो अब तक 100 से अधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन कर चुके हैं। इन शिविरों के माध्यम से 3000 से अधिक यूनिट रक्त एकत्र कर रिम्स ब्लड बैंक को सौंपा जा चुका है। रंजन कुमार स्वयं भी रक्तदान के प्रति उतने ही समर्पित हैं वे अब तक 48 बार स्वेच्छा से रक्तदान कर चुके हैं। उनका कहना है, "रक्तदान करना वास्तव में जीवनदान देने जैसा है। बहुत से मरीजों की जान सिर्फ इस कारण नहीं बच पाती कि ज़रूरी रक्त समूह समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता।"
रंजन ने चिंता जताते हुए बताया कि रेयर निगेटिव ब्लड ग्रुप की कमी अक्सर गंभीर स्थिति पैदा कर देती है। इसी के मद्देनज़र वे चाहते हैं कि समाज के हर वर्ग चाहे वह राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, व्यवसायिक और स्वयंसेवी संगठनों हो उनको आगे आकर नियमित रूप से रक्तदान शिविर आयोजित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, "रक्तदान का महत्व हमें तब समझ आता है जब हमारा कोई अपना मृत्यु से जूझ रहा होता है और रक्त की तत्काल ज़रूरत होती है। ऐसे में यदि कोई मदद के लिए आगे आता है तो वह किसी देवदूत से कम नहीं होता।"
‘कनेक्टिंग होप’ संस्था वर्ष 2018 से इस क्षेत्र में सक्रिय है और निरंतर प्रयासरत है कि अधिक से अधिक लोग रक्तदान के प्रति जागरूक हों। संस्था का लक्ष्य है कि रांची के बल्ड बैंकों में हर ब्लड ग्रुप की पर्याप्त मात्रा हमेशा उपलब्ध रहे, जिससे किसी मरीज को समय पर इलाज मिल सके। उनके उत्कृष्ट सामाजिक योगदान के लिए झारखंड स्वास्थ्य विभाग और रिम्स ब्लड बैंक द्वारा रंजन कुमार को वर्ष 2022-2023 में झारखंड में सबसे अधिक रक्तदान शिविर आयोजित करने वाले व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया गया है। रंजन कुमार का संदेश साफ है "रक्तदान महादान है। जो अभी भी रक्तदान से डरते हैं, उन्हें हमें समझाकर, जागरूक कर इस पुण्य कार्य से जोड़ना चाहिए।"