द फॉलोअप डेस्कः
तुपुदाना ओपी प्रभारी मीरा सिंह और एक कांग्रेस नेता के घर पर गुरुवार को ईडी ने दबिश दी थी। मीरा के आवास पर छापेमारी के दौरान ईडी की टीम ने 8 मोबाइल और 15 लाख कैश जब्त किया था। इन मोबाइल फोन से एजेंसी ने करीब 100 जीबी डाटा रिकवर किया है। वाट्सएप का चैट भी रिकवर किया गया है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। व्हाट्सएप चैट में पाया गया कि मीरा सिंह ने कांग्रेस नेता मोहित शाहदेव समेत कई लोगों के साथ बालू की तस्करी की बातचीत की है। कई ट्रकों के नंबर भी चैट में पाए गये हैं। जिन्हें पासिंग देने की बात लिखी हुई है।
आर्म्स तस्करी से जुडे सबूत मिले
जानकारी के मुताबिक चैट में एक आईपीएस की पोस्टिंग कराने की भी बात लिखी है। मोबाइल डाटा से कई अहम खुलासे हुए हैं। इनमें सबसे बड़ा खुलासा आर्म्स की तस्करी से जुड़ा है। मोबाइल जांच से खुलासा हुआ है कि प्रतिदिन कई ट्रक बालू की तस्करी होती थी। इनमें खूंटी-रांची के सिंडिकेट लगे हुए थे, जिसके जरिए उगाही की जाती थी। ईडी को आर्म्स तस्करी में उसकी संलिप्तता के सबूत भी मिले हैं। ईडी इस मामले में मोहित से शुरुआती पूछताछ भी कर चुकी है। पूछताछ में आए तथ्यों से राज्य की एजेंसियों के साथ-साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ईडी भी जानकारी शेयर कर सकती है। हथियारों की डील किससे हुई, इससे जुड़े प्रारंभिक साक्ष्यों पर ईडी पड़ताल कर रही है।
जेल से बाहर आने के बाद और पावरफुल हुईं मीरा
बात 2021 की है जब मीरा सिंह को खूंटी की महिला थाना प्रभारी रहते 15 हजार रुपये रिश्वत के साथ एसीबी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बावजूद उनके रसूख में कोई फर्क नहीं पड़ा। वह और ज्यादा पावरफुल होकर बाहर निकलीं। जेल से बाहर आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने उनका खूंटी जिला बल में ट्रांसफर कर दिया था लेकिन, उनके रसूख की वजह से पुलिस मुख्यालय को अपना आदेश रद्द करना पड़ा और फिर मीरा की पसंद से रांची जिला बल में पदस्थापित किया गया। बता दें कि मीरा सिंह 2012 बैच की दारोगा हैं। वह सत्ता की करीबी रही हैं। उनकी पहुंच यहां तक है कि एक बार डीजीपी को भी उनके तबादले का आदेश वापस लेना पड़ा था। 25 फरवरी, 2021 को खूंटी में थाना प्रभारी रहते हुए मीरा सिंह को एसीबी ने 15 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था। रांची जिला में स्थानांतरित होने के बाद मीरा सिंह को 2 साल पहले तुपुदाना ओपी का थाना प्रभारी बनाया गया था। मीरा सिंह पर गंभीर आरोप लग चुके हैं। उन्हें पद से हटाने की भी अनुशंसा हुई है।