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Ranchi : वर्दी पहनना मेरी बेटी का पैशन था, बेटी संध्या की हत्या के बाद बोलीं मां स्नेहलता टोपनो

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रांचीः
महिला दरोगा संध्या टोपनो की मौत से पूरा राज्य स्तब्ध है। हर कोई इस दुख की घड़ी में संध्या की मां का ढ़ांढस बांधने में जुटा है लेकिन उनका रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार अपनी बेटी को याद करते हुए फफक पड़ती हैं। संध्या की मां स्नेहलता टोपनो रो-रोकर अपने बेटी के बचपन को याद  कर रहीं हैं औऱ कह रही है कि संध्या शुरू से लड़कों के कपड़े पहनती थी। स्नेहलता टोपनो कहती हैं कि वह बचपन से पुलिस अफसर बनना चाहती थी। वो मेरी बेटी नहीं बेटा थी। उसके पापा जिंदा थे तब तक उसको इस पुलिस नहीं बनने दिया लेकिन पिता की मौत के बाद उसने जी तोड़ मेहनत की थी और पुलिस अफसर बन भी गई। वो मेरा अभिमान थी। बहुत मेहनती थी मेरी बेटी। 


MBA की पढ़ाई की थी संध्या टोपनो ने 
परिजनों ने बताया कि संध्या की अब तक शादी नहीं हुई थी। सभी मां के साथ सिंह मोड़ के इलाके में रहते थे।  संध्या ने MBA की पढ़ाई की थी उसके बाद इस फील्ड में आईं थी। संध्या बिशप वेस्टकाट से 10वीं पास किया था। उसने गोस्सनर कॉलेज से पढ़ाई की। कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद उसने रांची यूनिवर्सिटी से एमबीए भी कंप्लीट किया था। उनकी बड़ी बहन सीमा जो एक हाउसवाइफ हैं। संध्या के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। संध्या का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा। पुलिस लाइन में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम सलामी दी जा रही है। 


उठ रहे सवाल: 
पूरे मामले को लेकर लोग सवाल उठा रहे है कि आखिरकार क्यों एक महिला सब इंस्पेक्टर को आधी रात ड्यूटी पर लगाया गया। वह भी तब जब तुपुदाना ओपी को नक्सल प्रभावित इलाके जैसा थाना है। संध्या के मौत के बाद परिवार वाले भी यह सवाल उठा रहे हैं कि एक महिला को रात की ड्यूटी देना कहां तक उचित है।