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झारखंड में ईडी का अगला निशाना कौन है। क्या मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार वो चौथे शख्स हैं जिनपर ईडी अपना शिकंजा कस सकती है। पूजा सिंघल, सुमन कुमार और पंकज मिश्रा के बाद क्या ईडी की कार्रवाई की जद में आने वाले चौथे शख्स सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू हैं।
दरअसल, मंगलवार को वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने ये दावा करके झारखंड की सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है कि ईडी जल्दी ही मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू को समन जारी कर सकती है। सरयू राय ने दावा किया कि ईडी को मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से पूछताछ के दौरान उनके और अभिषेक प्रसाद के बीच हुई बातचीत का विवरण मिला है।
सरयू रॉय ने पूर्ववर्ती सरकार पर साधा निशाना
सरयू राय ने ना केवल ये सनसनीखेज दावा किया बल्कि ईडी की कार्रवाई के बहाने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार पर भी निशाना साधा है। झारखंड में ये बात किसी से छिपी नहीं है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और सरयू राय के बीच 36 का आंकड़ा है। सरयू राय ने मंगलवार को ट्वीट किया जिसमें दावा किया कि ईडी अभिषेक पिंटू को समन करना चाहती है। कारण ये है कि पंकज मिश्रा और पिंटू के बीच बातचीत का विवरण ईडी को मिल गया है। पिंटूजी को साहिबगंज में पत्थर खदान का लीज तो डबल इंजन की सरकार में ही मिला था।
उसी सरकार ने विभूति कुमार को साहिबगंज का जिला खनन पदाधिकारी बनाया। कड़ियां जुड़ रही है। इस ट्वीट को देखें तो ऐसा लगता है कि सरयू राय मौजूदा हालात का ओट लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सरयू राय शायद ये कहना चाहते हैं कि मौजूदा सरकार ही नहीं बल्कि पूर्ववर्ती सरकार में भी गड़बड़ियां हुई हैं। जिसकी कड़ियां जुड़ती जा रही है।
पत्थर खदान के लीज पर सरयू रॉय ने किया दावा
सरयू राय का एक और ट्वीट इस ओर इशारा करता है कि वे पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सरयू राय ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने ईडी को क्या बताया ये तो ईडी ही जाने पर मीडिया में चल रही खबरों से साहिबगंज के सब लोग परिचित हैं।
ईडी चाईबासा के जिला खनन पदाधिकारी से हुई पूछताछ का भी खुलासा करे। सरयू राय ने कहा कि ये 2015 से 2021 के बीच हुई कई सौ करोड़ के धन-शोधन के भंडाफोड़ का मामला है। गौरतलब है कि 2014 से लेकर 2019 तक बीजेपी की सरकार थी। तब मुख्यमंत्री रघुवर दास हुआ करते थे। ये भी जानने योग्य बात है कि तब सरयू राय डबल इंजन की सरकार का हिस्सा थे लेकिन मुख्यमंत्री से घोर मतभेद तब से ही था।
पिछले चुनाव में सरयू रॉय ने पूर्व सीएम को हराया
अपने एक और ट्वीट में भी सरयू राय ने ईडी की कार्रवाई के बहाने पूर्ववर्ती सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया कि जमशेदपुर हो या साहिबगंज। मुख्यमंत्रियों के विधायक प्रतिनिधियों की बात ही निराली है। एक टॉफी-टीशर्ट का वारा न्यारा करने में तो दूसरा गिट्टी ठेका के पचड़े में फंसा है। एक पर एसीबी जांच का सुस्त घेरा है तो दूसरा ईडी के मजबूत फंदे में।
वे मुख्यमंत्री मौन हैं जिनके ये प्रतिनिधि हैं। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पूर्वी जमशेदपुर से ही विधायक थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में सरयू राय यहां निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़े और जीते। चुनाव पूर्व से ही सरयू राय पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ हमलावर रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं।
क्या ईडी के निशाने पर हैं सीएम के प्रेस सलाहकार
इधर, सरयू राय ने दावा किया है कि ईडी मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार को समन कर सकती है। ऐसे में झारखंड की सियासत में चर्चा होना लाजिमी है कि क्या ईडी धीरे-धीरे शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद कई बार सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं कि ईडी दरअसल, उन तक पहुंचना चाहती है। ये सारी कवायद इसलिए है।
मुख्यमंत्री ईडी को चुनौती भी दे चुके हैं कि वे इधर-उधर घूमने की बजाय सीधे उन तक आयें। इस बीच, मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि की गिरफ्तारी हो चुकी है। पूजा सिंघल जेल में हैं। मंत्रालय में सीधी पहुंच रखने वाले प्रेम प्रकाश सहित कई अन्य लोगों से पूछताछ हो रही है। ऐसे में सरयू राय के दावे ने झारखंड में फिर से नई चर्चा को जन्म दिया है।