द फॉलोअप डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए मंगलवार को झारखंड पुलिस के 3 अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। इस एफआईआर में आगे कोई कार्रवाई करने पर अदालत ने अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ एक एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी। इस एसएलपी में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गयी थी। एक आईपीएस अधिकारी की पत्नी (अब दिवंगत) ने अपने मकान मालिक के खिलाफ दर्ज कराई गयी प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जिन 3 अधिकारियों को नोटिस जारी किया है, उसमें तत्कालीन डीएसपी सिटी रांची दीपक कुमार और दयानंद कुमार शामिल हैं। ये दोनों अधिकारी संबंधित समय में लोअर बाजार पुलिस स्टेशन रांची से जुड़े हुए थे। इनके साथ तारकेश्वर प्रसाद केसरी को भी अवमानना नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में कोर्ट ने 4 नवंबर 2024 को अगली सुनवाई के लिए तीनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है।क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला किरायेदार और मकान मालिक के बीच हुए विवाद का है। इसमें झारखंड के तत्कालीन डीजीपी की पत्नी ने लोअर बाजार थाना में मकान मालिक के परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी। इस एफआईआर में आरोप था कि कई बार मकान मालिक के परिवार और अन्य लोगों ने जबरन उनके घर में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है और उनके साथ मारपीट की है।
वहीं, इस मामले पर मकान मालिक ने तर्क दिया कि किरायादार किराया नहीं दे रहा था। इस कारण उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के माध्यम से कानूनी रूप से घर खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी। मकान मालिक के मुताबिक, बदले की भावना में आकर किरायेदार ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाया।