द फॉलोअप डेस्कः
भाजयुमो के द्वारा जेएसएससी प्रश्न लीक मामले को लेकर राजभवन के समीप एकदिवसीय धरना कार्यक्रम किया गया। धरना में शामिल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार के विरोध में भाजयुमो के कार्यकर्ता एकत्र होकर राजभवन के पास धरना में शामिल हुए है, यह भ्रष्टाचार सिर्फ नौजवानों के साथ ही नहीं पूरे प्रदेश के साथ भ्रष्टाचार है। जेएसएससी की परीक्षा की तिथि घोषणा से 2-3 दिन पहले से ही लोग बता रहे कि इसमें सीट बेचा जा रहा है। 35 लाख से लेकर 50 लाख तक मे सीट बेचा जा रहा है। अभ्यर्थियों की बात सुनकर मन में बेचैनी होती थी कि क्या हो रहा है झारखंड राज्य में। कहा कि यह सरकार सिर्फ बच्चों नवजवानों का भविष्य ही नहीं झारखंड का भी भविष्य बर्बाद करने में लगी राज्य सरकार के संरक्षण में JSSC के कुकर्म का सजा युवा ही नहीं पूरा प्रदेश भुगत रहा है।
बिना मुख्यमंत्री कार्यालय के नहीं हो सकता घोटाला
बाबूलाल ने कहा कि झारखंड के लोग माड़ भात खाकर अपने बच्चों की किसी तरह पढ़ाते है, बच्चे दिन रात मेहनत करते है ताकि किसी तरह से सफल हो जाये, वैसे होनहर बच्चो के साथ यह सरकार आघात कर रही है। अगर कोई पैसा लेकर युवा पदाधिकारी या कर्मचारी बनता है तो यह स्पष्ट है की करप्शन की बुनियाद पड़ेगी और उससे करप्शन ही फले फूलेगा। यह पहले भी ऐसी कई तरह की परीक्षाओ में गड़बड़ी सामने आई थी, लेकिन हेमन्त सरकार मानने को तैयार नहीं थी लेकिन छात्रो ने जब सड़क पर उतर कर विरोध किया और सारा सबूत दिखाया तो सरकार को स्वीकार करना पड़ा। जब छात्र अपने अधिकार को लेकर सड़क पर उतरते है तो उसके ऊपर लाठी चार्ज कर घायल किया जाता है। संगीन धाराओ के साथ केस कर डराने की कोशिश की जाती है। मैं शुरू से कह रहा था कि इतना बड़ा पेपर लीक का घोटाला बिना मुख्यमंत्री कार्यालय की संलिप्तता के बगैर नहीं हो सकता है। आज यह बात साबित हो रही है।
नौकरी बेचने का काम किया
ईडी ने हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए 539 पन्नों की जो जानकारी कोर्ट में दी है, उसमें लिखा गया है कि हेमंत के करीबी मित्र आर्किटेक्ट विनोद सिंह के मोबाइल और घर से छात्रों की बड़ी संख्या में एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं, जिन्हें पैसे लेकर बहाल किया जाना था। राज्य सरकार को बताना चाहिए कि विनोद सिंह कौन है? पूरा प्रदेश की जनता जानता हैं। देश-विदेश की सपरिवार यात्रा में ये हेमंत सोरेन के साथ साये की तरह चलता है। अब पता चला है कि हेमंत सोरेन ने दलाल बिनोद के साथ मिलकर ज़मीन तो लूटा ही साथ ही माड़-भात खाकर नौकरी की तैयारी करने वाले गरीब बेरोज़गार छात्रों को भी लूट लिया है। सरकार की इससे बेशर्मी क्या हो सकती है कि कोयला, लोहा, पत्थर, बालू, जमीन बेचने वाले हेमंत सोरेन सरकार ने गरीबों की नौकरी बेचने का भी काम कर दिया। मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन से मांग करते हैं कि बिना विलम्ब JSSC घोटाले की की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करें।