पूर्वी सिंहभूम:
झारखंड में मनरेगा योजना में बड़ी लूट की बात सामने आई है। हिंदी वेबसाइट न्यूज-18 इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला में तकरीबन 100 योजनाओं में राशि की निकासी कर ली गई है और धरातल पर काम नहीं किया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मनरेगा लोकपाल सनत कुमार महतो की जांच में खुलासा हुआ है कि पूर्पी सिंहभूम के धालभूमगढ़ प्रखंड के कई गांवों में योजनाओं में बिना काम किए या अधूरा काम करके राशि निकाल ली गई। लोकपाल ने ऐसी 500 योजनाओं की जांच की थी। इनमें से तकरीबन 100 योजानों का काम धरातल पर उतरा ही नहीं।
100 योजनाओं की राशि निकाल ली गई
जांच में पता चला है कि मनरेगा से प्रखंड में तालाब, आंगनबाड़ी, सिंचाई नाला, शौचालय बकरी शेड, बागवानी, खेल के मैदान, शॉकपिट और जल संरक्षण का काम कराया जा रहा था। बताया जाता है कि अधिकारियों ने कागज पर योजना बनाई। पैसे निकाले और काम किया ही नहीं। ये भी जानकारी मिली है कि जांच में गड़बड़ी पकड़े जाने के पश्चात जेई, रोजगार सेवक, मुखिया और पंचायत सचिव तुरंत-फुरंत काम पूरा करने में लगे हैं। ये वैसी योजनाएं है जिनका पैसा निकाल लिया गया था।
सिंचाई नाला का काम अब तक अधूरा
न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक धालूभूमगढ़ प्रखंड में 4 लाख की लागत से सिंचाई नाला का निर्माण करना था। इसकी राशि की निकासी कर ली गई है लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया गया है। खुलासे के पश्चात रातों-रात चोरी-छिपे सिंचाई नाला का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य स्थल पर लोगों और ठेकेदारों ने बताया कि जमीन विवाद की वजह से नाला का निर्माण नहीं कराया जा सका। अब कह रहे हैं कि चूंकि जमीन विवाद खत्म हो गया। 1 सप्ताह में निर्माण कार्य पूरा होगा।
लोकपाल ने आयुक्त से कार्रवाई की मांग की
लोकपाल को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने दोबारा जांच की। जांच में ये बात सामने आई है कि कार्यस्थल पर निर्माण कार्य का बोर्ड नहीं लगा है। मजदूरों का जॉब कार्ड नहीं दिया गया था। निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती जा रही थी। ऐसी स्थिति में मनरेगा लोकपाल ने मनरेगा आयुक्त को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है। गौरतलब है कि मनरेगा घोटाला का मामला हाल में झारखंड में काफी चर्चा में रहा है। ताजा मामला निलंबित खान सचिव पूजा सिंघल पर भी खूंटी जिला में मनरेगा घोटाला हुआ था। इसी केस में ईडी ने पहली बार पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापा मारा था।