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SWACHH परिजोजना के दूसरे चरण का एक साल हुआ पूरा, सिर्फ 9 महिने में ही 26,197 परिवारों तक पहुंचे

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द फॉलोअप डेस्कः
आज रांची में प्रदान और Water.org की ओर से SWACHH (Supporting Women to Advance Cleanliness and Hygiene in Households) परियोजना का दूसरा चरण के एक साल पूरा होने पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छता, एवं शौचालय की उपयोगिता का महत्व बताना था। यह परियोजना राज्य के 3 प्रमंडलों (दक्षिण और उत्तर छोटानागपुर और संथाल परगना) के 10 जिलों में शुरू किया गया है। पहले वर्ष में केवल 9 महीने में ही 26,197 परिवारों तक पहुंचने में संस्था को सफलता मिली है। प्रधान ने महिला स्वयं सहायता समूह को प्रेरित कर प्रोजेक्ट के दौरान 15 करोड़ का लोन स्वच्छता और पेयजल के संरचना निर्माण के लिए बैंक एवं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध कराया है। आज के कार्यक्रम में संबंधित प्रखंडों के प्रतिनिधी और महिला समूहों की दीदियां भी पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने उन चुनौतियों के बारे में बात की जिनका उन्हें पहले सामना करना पड़ा था, जब घरों में शौचालय नहीं थे। उन्हें छेड़खानी या किसी अन्य मुद्दे पर लगातार डर बना रहता था। लेकिन अब प्रदान एवं Water.org की तरफ से की जा रही गतिविधि से उनका डर खत्म हुआ है। यह संस्था उनके लिए भगवान के उपहार के रूप में आया है और अब उनका काफी समय भी बच रहा है और वे खुशहाल जीवन जी रहे है। बता दें कि SWACHH परियोजना का अगला लक्ष्या 70,000 परिवार तक पहुंचना है। आज का कार्यक्रम रांची के चाणक्या बीएनआर होटल में आयोजित किया गया था


70 हजार परिवार तक पहुंचने का है इस बार लक्ष्य
Water.org के साथ प्रदान के एक समेकित प्रयास के माध्यम से कम समय में अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया है। गौरतलब है कि WASH अभ्यास स्पष्ट रूप से SDG के छठे लक्ष्य के साथ संरेखित होता है। यह परियोजना समुदाय के साथ एक महत्वपूर्ण पहल है। इस पायलट के तहत, समुदायों को स्वच्छता सुविधा (शौचालयों का निर्माण / मरम्मत) और स्वच्छ फ़िल्टर्ड पेयजल के प्रावधान को नियमित रूप से बनाये रखने के लिए कार्य किया गया है। इसके लिए लोगों को ऋण प्राप्त करने के लिए बैंक, जे.एस.एल.पी.एस., स्वयं सहायता समूह मदद करता है। ताकि वे संवेदनशील हो सकें और स्वस्थ वॉश प्रथाओं का अभ्यास में ला सकें। दूसरे चरण में, जून 2024 तक 70,000 परिवारों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो वाश सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं।कार्यक्रम में उपस्थित जल और स्वच्छता विभाग, झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव इंद्र देव मंडल ने कहा कि गांव में स्वच्छता के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है तथा इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में प्रदान का कार्य काफी सराहनीय रहा है।

इन सबों की रही उपस्थिति
पिरामल फाउंडेशन के सीनियर प्रोग्राम मेनेजर बिप्लभ शंकर डे ने कहा कि वाश का PMU पिरामल फाउंडेशन द्वारा गठित है जो कि स्वच्छता पर कार्य करती है और हम प्रदान जैसे संस्था के साथ समन्वय स्थापित कर इस परियोजना को आगे बढ़ाएंगे।
Water.org के श्री जोश ने इस परियोजना के महत्त्व पर प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने एवं आगे की रणनीति पर भी चर्चा किया। विश्वा के निदेशक अजीत सिंह ने कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर कार्य करने के लिए संस्था एवं सरकार को एक मंच पर आने की जरुरत है। ICDS के सलाहकार माध्वेश ने कुपोषण एवं अनीमिया पर जोर डालते हुए कहा कि स्वस्थ समाज ही हमें इन बिमारियों से मुक्ति दिला सकता है। इस अवसर संदीप दुबे (उप निदेशक, पंचायती राज विभाग) , बाला देवी निंगथौजम (प्रदान), निहारिका देवी (मुखिया, बुंडू), उर्मिला देवी (मुखिया, पेटरवार) सहित 9 जिलो  के 70 प्रतिभागी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का सञ्चालन संयुक्त रूप से जयश्री मोहंता, तृषा एवं सपना के द्वारा किया गया। साथ ही कार्यशाला का धन्यवाद ज्ञापन प्रदान के भाष्कर प्रेम ने किया।

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