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कुछ मांगने से बेहतर है, मैं मरना समझूंगा; मध्य प्रदेश की गद्दी से विदाई के बाद बोले शिवराज

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द फॉलोअप डेस्क:

मध्य प्रदेश की सत्ता में नेतृत्व परिवर्तन हो गया। मोहन यादव अब प्रदेश की सत्ता पर काबिज होंगे। आलाकमान ने यह तय कर दिया है। शिवराज सिंह चौहान 18 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे लेकिन अब उनको गद्दी छोड़नी होगी। इस बीच शिवराज सिंह चौहान ने कुछ ऐसा कह दिया कि मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। सवाल यह भी उठने लगे हैं कि क्या प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन से पहले शिवराज सिंह चौहान को भरोसे में नहीं लिया गया था। कहा तो यह जा रहा था कि मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम का प्रस्ताव शिवराज सिंह चौहान ने ही दिया था जिसे सहर्ष स्वीकार भई किया गया। 

 

शिवराज सिंह चौहान के बयान के मायने
दरअसल, मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मैं मरना समझूंगा। मैंने पहले ही कह दिया था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा। शिवराज सिंह चौहान ने हालांकि नए मुख्यमंत्री मोहन यादव को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्रीमोहन यादव के नेतृत्व में बीजेपी सरकार राज्य में चल रही परियोजनाओं को पूरा करेगी। मध्य प्रदेश प्रगति और विकास के मामले में नई उपलब्धियां हासिल करेगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं उनका समर्थन करता रहूंगा।

 

नए मुख्यमंत्री का समर्थन की बात कही
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज जब मैं यहां से विदाई ले रहा हूं, मुझे इस बात का संतोष है कि 2023 में एक बार पिर से बीजेपी ने यहां प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई है। मेरा दिल खुशी से भर गया है। गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान 18 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। हालांकि, बीजेपी की जीत में शिवराज सिंह चौहान के सांगठनिक कुशलता और बतौर मुख्यमंत्री उनके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा। खास तौर पर उनकी लाडली बहना योजना ने बड़ा असर डाला।