द फॉलोअप डेस्क
चंपाई सोरेन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है। झामुमो विधायक सीता सोरेन को इस बार भी कोई मंत्रीपद नहीं मिला। जिससे विधायक सीता सोरेन नाखुश दिखीं। सीता सोरेन ने कहा कि अब गुरुजी भूल जाते हैं। इस बार भी मुझे भुल गए। इस बात से ये सिद्ध हो गया कि परिवार में पहले बेटे ही प्राथमिकता होती है इसलिए तो बेटे की खातिर गुरुजी बहू को भूल गए। अंत में उन्होंने कहा कि हमें तो शुरू से ही त्याग करने की आदत रही है। बता दें कि सीता सोरेन दुमका जिला के जामा विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक हैं।
यह अलग बात है कि मैं तीन टर्म की विधायक- सीता सोरेन
सीता सोरेन ने आगे कहा कि झामुमो के निर्माण में पति दुर्गा सोरेन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनकी बनाई हुई पार्टी को बचाना था। कांग्रेस में उथल-पुथल मची थी, लेकिन झामुमो इससे अछूता रहा। पार्टी टूटती, तो अच्छी बात नहीं होती। यह अलग बात है कि मैं तीन टर्म की विधायक हूं।
कल्पना सोरेन के नाम पर भी थी सीता सोरेन को आपत्ति
गौरतलब है कि इससे पहले सीता सोरेन उस वक्त भी नाराज हुई थी जब मुख्यमंत्री पद को लेकर कल्पना मुर्मू सोरेन का नाम चल रहा था। उस वक्त सीता सोरेन ने कई मीडिया हाउस से बातचीत में यह कहा था कि यदि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो मुझे स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करूंगी। मैं गुरुजी की बड़ी बहू हूं। मेरे पति दुर्गा सोरेन ने गुरुजी (शिबू सोरेन) के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा को अपने खून-पसीने से सींचा है। अब जबकि हक और अधिकार की बात आई तो कल्पना सोरेन का नाम आगे किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद मैंने अपनी 2 बेटियों को कैसे पाला, यह केवल मैं ही जानती हूं।
मंत्रिमंडल विस्तार पर पार्टी का निर्णय बड़ा सटीक
झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू ने सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को बधाई दी है। सुदिव्य सोनू ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार पर पार्टी का निर्णय बड़ा सटीक है। क्षेत्र, जाति-वर्ग और अन्य सारी चीजों का बड़ा अच्छा संतुलन रखा गया है। मैं मंत्री नहीं बिना, उससे क्या फर्क पड़ता है। अच्छे मंत्रिमंडल के लिए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को बहुत-बहुत बधाई। वहीं, झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि सब बढ़िया है। अब जो भी मंत्री बने हैं, वे अच्छे ढंग से काम करें। मथुरा ने कहा : मैं मंत्री बनने की रेस में नहीं था। हमारी राय थी कि जो लोग पहले से मंत्री हैं, वे ही इस बार भी मंत्री बनें। वे चीजों को जानते हैं, पुराने लोग ही मंत्री रहेंगे, तो काम अच्छा होगा।
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