द फॉलोअप डेस्क, रांची:
दुमका जिला के जामा विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सीता सोरेन की नाराजगी संभवत दूर होती दिख रही है। बड़ी खबर यह है कि सीता सोरेन ने शुक्रवार को तकरीबन 11:20 बजे सर्किट हाउस जाकर विधायक दल का नेता चुने गये चंपई सोरेन से मुलाकात की। हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं है कि सीता सोरेन और चंपई सोरेन के बीच क्या मुलाकात हुई लेकिन उम्मीद लगाई जा रही है कि सीता सोरेन की सारी नाराजगी दूर हो चुकी है और वह अब सत्तापक्ष के साथ है। बता दें कि मंगलवार देर शाम जब कल्पना सोरेन को हेमंत सोरेन का उत्तराधिकारी बनाने की चर्चा हो रही थी, तब गुरुजी की बड़ी बहू सीता सोरेन के नाराज होने की खबरें आई। सीता सोरेन, मंगलवार को दोपहर 2 बजे और शाम 7:30 बजे हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुलाई गई विधायक दल की बैठक में भी शामिल नहीं हुई थीं।
कल्पना सोरेन के नाम पर थी सीता सोरेन को आपत्ति
सीता सोरेन ने कई मीडिया हाउस से बातचीत में यह कहा था कि यदि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो मुझे स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करूंगी। सीता सोरेन ने कहा था कि मैं गुरुजी की बड़ी बहू हूं। मेरे पति दुर्गा सोरेन ने गुरुजी (शिबू सोरेन) के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा को अपने खून-पसीने से सींचा है। अब जबकि हक और अधिकार की बात आई तो कल्पना सोरेन का नाम आगे किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद मैंने अपनी 2 बेटियों को कैसे पाला, यह केवल मैं ही जानती हूं। बता दें कि सत्ताधारी दल के विधायकों को सर्किट हाउस में रखा गया है लेकिन आज से पहले सीता सोरेन कभी भी वहां नहीं दिखाई दीं। गुरुवार देर शाम हैदराबाद जाने के लिए निकले सत्ताधारी दल के विधायकों के साथ भी सीता सोरेन नहीं दिखीं लेकिन अब वह सर्किट हाउस पहुंची।
चंपाई का नाम सामने आने पर नरम पड़े सीता सोरेन के तेवर
बता दें कि बुधवार देर शाम ही यह स्पष्ट हो गया था कि हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में विधायक दल के नेता चंपई सोरेन होंगे। चंपई सोरेन चूंकि सोरेन परिवार के विश्वस्त हैं और झामुमो के वरिष्ठ नेता भी हैं इसलिए उनके नाम पर किसी को ज्यादा आपत्ति नहीं थी। कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता घोषित किए जाने के बाद सीता सोरेन के तेवर नरम पड़ने लगे थे। गौरतलब है कि सीता सोरेन जामा विधानसभा सीट से 3 बार से विधायक हैं। वह सोरेन परिवार की बड़ी बहू हैं।