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बड़ी खबर : रांची पहुंचे राज्यपाल रमेश बैस, चुनाव आयोग के संभावित फैसले के बीच झामुमो ने बुलाई अहम बैठक

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रांची: 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले में निर्वाचन आयोग (Election Commission) का फैसला आ चुका है। निर्वाचन आय़ोग ने अपना फैसला सिलबंद लिफाफे में राजभवन (Raj Bhawan) भेज दिया है। राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) भी रांची पहुंच चुके हैं और कभी भी चुनाव आयोग के फैसले को सार्वजनिक कर सकते हैं।

इस बीच झारखंड (Jharkhand) में सियासी गहमा-गहमी तेज हो गई है। चर्चा है कि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया है। राज्यपाल को यही परामर्श भेजा गया है। ये राज्यपाल का विवेकाधिकार है कि वो क्या फैसला करते हैं।

हालांकि, संवैधानिक बाध्यता कहती है कि राज्यपाल को परामर्श के मुताबिक ही फैसला करना है। खबरें ये भी है कि संभवत मुख्यमंत्री को 3 साल तक विधानसभा चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। हालांकि, कोई भी बात स्पष्ट तभी होगी जब राज्यपाल रमेश बैस सामने आयेंगे। 

निर्दलीय विधायक सरयू रॉय ने किया ये दावा
पूर्वी जमशेदपुर से निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू रॉय (Saryu Roy) ने दावा किया है कि विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक निर्वाचन आयोग ने हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य करार दिया है। विधायक बनने के लिए अयोग्य घोषित होने की सूचना राजभवन से निकलते ही त्याग पत्र देना होगा या माननीय न्यायालय से इस अधिसूचना पर स्थगन आदेश प्राप्त करना होगा। सरयू राय ने कहा कि जहां तक मेरा अनुमान है। अयोग्य ठहराने की अधिसूचना राजभवन से निकलते ही हेमंत सोरेन इसके विरूद्ध हाईकोर्ट (High Court) या सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाएंगे। उन्हें जाना भी चाहिए। सरयू रॉय का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री रहते न्यायालय से तुरंत स्थगन आदेश नहीं मिला तो मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी वे न्यायिक लड़ाई लड़ सकते है।

अयोग्य घोषित होने की स्थिति में क्या होगा!
सियासी गलियारों में चर्चा है कि यदि मुख्यमंत्री को केवल विधायकी से अयोग्य करार दिया जाता है तो वे इस्तीफा देकर दोबारा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। सरकार बनने के बाद वे अगले 6 महीने में बरहेट विधानसभा (Berhait Vidhansabha) सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत के जरिए सत्ता में बने रह सकते हैं। बरहेट को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है।


 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल वहीं से विधायक हैं। यदि आयोग मुख्यमंत्री को अगले कुछ सालों तक चुनाव लड़ने से रोकता है वे अपने परिवार के किसी सदस्य या विश्वस्त झामुमो विधायक में से किसी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवा सकते हैं। झारखंड की सियासी गलियारों में संभावित मुख्यमंत्री के रूप में फिलहाल सीएम हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन, परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन और महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी का नाम सबसे अधिक चर्चा है। 

झामुमो और बीजेपी ने बुलाई है अहम बैठक
सियासी गहमागहमी के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा की अहम बैठक बुलाई गई है। तमाम विधायकों और मंत्रियों का मुखय्मंत्री आवास पर पहुंचना जारी है। शिक्षा मंत्री जगरन्नाथ महतो, वरिष्ठ नेता मथुरा प्रसाद महतो, मंत्री आलमगीर आलम सहित कई विधायक और मंत्री सीएम आवास पहुंचे। कहा जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा भविष्य की रणनीति पर चर्चा कर रही है।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने भी बैठक बुलाई है जिसमें सियासी अस्थिरता के हालात पर चर्चा होने की उम्मीद है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि फैसला आने दीजिए तभी कोई टिप्पणी करना उचित होगा। हालांकि, इस बीच दीपक प्रकाश ने कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है। चुनाव आयोग का फैसला आया है। झारखंड की नई सुबह है।