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स्कूल में खाली पैर रहकर शिक्षकों ने किया शैक्षणिक कार्य, जानें क्यों ऐसा किया गया

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक आदित्य रंजन के बयान के विरोध में शुक्रवार को राज्य भर में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। शिक्षक चप्पल पहन कर स्कूल आये और खाली पैर ही पठन पाठन का कार्य किया। शिक्षक संगठनों ने झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक को हटाने की मांग की है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक, झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ, झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा और झारखंड ऑफिसर्स टीचर्स एंड इम्पलायज फेडरेशन ने परियोजना निदेशक के बयान के विरोध में शुक्रवार को राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया। 


शिक्षा परियोजना के कार्यों का कर सकते हैं बहिष्कार 
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा है कि शिक्षक हवाई चप्पल पहने कर ही विद्यालय आयेंगे। इसके अलावा शिक्षक झारखंड शिक्षा परियोजना से जुड़े कार्यों का बहिष्कार करने की योजना बना रहे हैं। झारखंड प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सुमन और महासचिव प्रेम प्रसाद राणा ने ने भी भी बयान का विरोध किया है। 


शिक्षक दिवस कार्यक्रम का भी करेंगे बहिष्कार 
झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने परियोजना निदेशक को हटाने की मांग की है। निदेशक को नहीं हटाने पर शिक्षक दिवस कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा की है। संघ के प्रदेश महासचिव गंगा प्रसाद यादव ने बताया कि शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। इधर, झारखंड ऑफिसर्स टीचर्स एंड इम्पलायज फेडरेशन ने भी परियोजना निदेशक के बयान की निंदा की है। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह और प्रदेश मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार राय ने कहा है कि परियोजना निदेशक को जल्द हटाया जाये। झारखंड प्रदेश संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता अरुण कुमार दास ने कहा है कि अगर सरकार परियोजना निदेशक पर कार्रवाई नहीं करती है, तो मोर्चा आंदोलन करेगा। 


शिक्षकों का सम्मान प्राथमिकता : निदेशक
झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक आदित्य रंजन ने कहा है कि उन्होंने हमेशा शिक्षा की बेहतरी और शिक्षकों के सम्मान के लिए काम किया है। शिक्षकों के सैकड़ों प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। वायरल वीडियो के संबंध में कहा कि उन्होंने कुछ नहीं कहा हैं, शिक्षकों का सम्मान करना उनकी प्राथमिकता है। अगर इसके बाद भी किसी को लगता है कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा है, जिससे उनकी भावना आहत होती है, तो वह इस पर खेद जताते हैं। 


ऐसा बयान उचित नहीं है : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि उन्हें परियोजना निदेशक के बयान से सबंधित वीडियो की जानकारी मिली है. उन्होंने इस संबंध में विभागीय सचिव से बात की है. ऐसे बयान से बचना चाहिए. इस तरह का बयान उचित नहीं है. किसी को भी संयमित भाषा का प्रयोग करना चाहिए.
 

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