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सरकार आपके द्वार : जामताड़ा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संबोधन की 10 बड़ी बातें

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का महात्वाकांक्षी कार्यक्रम "आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार" जारी है। बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जामताड़ा के नाला में आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल हुए। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना और पशुधन योजना के रूप में अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष पर भी निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने केंद्र के पास बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये का जिक्र करते हुए विपक्ष पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया। यहां आपके लिए हाजिर है मुख्यमंत्री के संबोधन की 10 बड़ी बातें। 

जामताड़ा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संबोधन की 10 बड़ी बातें...

1. झारखंड के सभी पंचायतों में शिविर आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शिविर का आयोजन हो रहा है। सरकारी पदाधिकारी मौजूद होते हैं। शिविरों में सरकारी योजनाओं से संबंधित स्टॉल लगता है। लाभुकों से आवेदन लिया जाता है। पूरा परिवार शिविर में पहुंचकर योजनाओं की जानकारी लेता है। 2021 और 2022 के बाद अब 2023 में भी शिविरों का आयोजन हो रहा है। 24 नवंबर से शुरू हुआ सिलसिला 29 दिसंबर तक चलेगा। चुनाव प्रचार के दौरान हमने वादा किया था कि हमारी सरकार दिल्ली से नहीं, रांची से नहीं बल्कि गांवों से चलेगी। 

2. एकीकृत बिहार में झारखंडी आवाम की हालत बद से बदतर होती जा रही थी तभी शिबू सोरेन ने अलग राज्य के लिए संघर्ष किया। 40 साल के संघर्ष के बाद हमें अलग राज्य मिला। कई कुर्बानियों के बाद अलग राज्य मिला लेकिन जनता को अधिकार राज्य गठन के 20 वर्ष बाद भी नहीं मिला। सामान्य दिनों में राज्य में लोग हाथ में राशन कार्ड हाथ में लेकर मर गए। हमारी सरकार में कोरोना महामारी और सुखाड़ में भी किसी को भूखों मरने नहीं दिया। पूर्ववर्ती डबल इंजन की सरकार ने 11 लाख लोगों का राशन कार्ड डिलीट कर दिया। 

3. विपक्ष ने पदाधिकारियों को जनता की बजाय अपनी सेवा में लगाया। पहले कैंप में 35 लाख आवेदन मिले। दूसरे कैंप में 55 लाख आवेदन मिले। 1 करोड आवेदन मिले तो मैं हैरान था कि 20 वर्षों में क्या काम हुआ। क्या जिला और ब्लॉक कार्यालय में काम नहीं हुआ। आखिर इतनी समस्याएं क्यों आई। पेंशन, आवास, राशन, शिक्षा से जुड़ी शिकायतें मिली। आवेदन के माध्यम से ग्रामीण इलाकों की समस्याएं समझी। कार्ययोजना का आधार आपका आवेदन बना। झारखंड को मजबूत करने के लिए इसके गांवों को मजबूत करना होगा। 80 फीसदी लोग गांव में भूखे नंगे हैं, उनका पेट भरे बिना पिछड़ेपन का कलंक नहीं मिटेगा। ग्रामीण विकास पर केंद्रित योजनाएं बनीं। आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंखयक इस राज्य में संघर्ष कर रहे थे। 

4. विपक्ष में निर्दयी लोग हैं। यूपीए सरकार में खाद्य सुरक्षा अदिनियियम के तहत राशन वितरण की योजना बनी लेकिन डबल इंजन की सरकार ने हक छीना। हमारी सरकार ने 20 लाख राशन कार्ड गरीबों में बांटा। हर व्यक्ति की प्राथमिक जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान है। हमने 20 लाख राशन कार्ड बांटकर गरीबों के लिए भोजन सुनिश्चित किया। अब 1 किलो दाल भी मिलेगा। 

5. विपक्ष ने सुंदरपहाड़ी में मलेरिया से आदिम जनजाति समुदाय के लोगों की मौत की खबर का वीडियो वायरल किया। मलेरिया अमीरों की बीमारी नहीं है बल्कि गरीबों की बीमारी है। जिनके पास घर नहीं है उन्हें यह बीमारी हुई। हमने केंद्र से अतिरिक्त पीएम आवास मांगा लेकिन नहीं मिला। आवास की संख्या घटाकर बीजेपी शासित राज्यों को दिया गया। हमने फैसला किया कि हम केंद्र से बेहतर घर बनाकर देने के लिए आबुआ आवास योजना की शुरुआत की। पीएम आवास 2 कमरों का मुर्गी के दबड़े जैसा मकान है लेकिन हम 3 कमरों का आवास बनाकर देंगे। हम 10 रुपये में गीबों को धोती-साड़ी लुंगी दे रहे हैं। 

6. 20 वर्षों में विपक्ष की सरकारों ने केवल षड्यंत्र किया लेकिन काम नहीं किया। विपक्ष ने बुढ़ापे की लाठी छीन ली। हमने सबको पेंशन दिया। 20 साल तक केवल 15 लाख लोगों को पेंशन मिलता था। हमने 4 साल में 36.20 लाख लगों को पेंशन दिया। पेंशन योजना में पूर्ववर्ती सरकारों में पक्षपात था। विधवा पेंशन के लिए उम्र सीमा निर्धारित थी। हमने हर आयु वर्ग की विधवा महिला के लिए पेंशन योजना की शुरुआत की। 5 साल से अधिक आयु के सभी दिव्यांगों को पेंशन मिलेगा। 

7. केंद्र को किसानों से कितना लगाव है आप जनता हैं। ये किसानों के हितैषी नहीं है बल्कि व्यापारियों की जमात है। किसानों के लिए काला कानून लाया गया। देशभर में 100 से ज्यादा किसान मारे गए। किसानों ने आंदोलन किया। केंद्र को काला कानून वापस लेना पड़ा। यदि कानून पास हो जाता तो राज्य में कोई किसान नहीं बनता। 4 वर्षों में हमने 20 लाख से ज्यादा किसानों को केसीसी कार्ड दिया। पेड़ों का संरक्षण करने के लिए आर्थिक सहायता भी सरकार देगी। जिनके पास नहीं है उनको सरकार व्यक्तिगत, सामुदायिक और वनपट्टा उपलब्ध कराएगी। सरकार ने आबुआ बीर-आबुआ दिशोम योजना की शुरुआत की है। पहले पशुपालकों को बीमारू पशु बांटती थी। हम किसानों को बीमाकृत जानवर मिलेगा। यदि जानवर की मौत हो गई तो बीमा कंपनी से पैसा मिलेगा। पशुधन योजना के तहत सरकार भैंस उपलब्ध कराएगी। 

8. गरीब परिवार बेटियों का विवाह करा देता था क्योंकि आजीविका का संकट है तो क्या खिलाते और किस पैसे से शादी कराते लेकिन मेरी विनती है कि माता-पिता बेटियों को पढ़ाएं. आत्मनिर्भर बनाएं। शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी। हर परिवार की प्रत्येक बेटी को सावित्रीबाई फूले योजना का लाभ मिलेगा। बच्चियों को जल्द साइकिल खरीद की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजा जाएगा। हमलोग साइकिल खरीदने के लिए बच्चों को 4500 रुपये दे रहे हैं। 10वीं-12वीं पास विद्यार्थियों को डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, पत्रकार, साइंटिस्ट या शोधार्थी बनाने के लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ मिल रहा है। सरकार 15 लाख रुपये तक का ऋण देगी। विद्यार्थी को बिना गारंटर के लोन मिलेगा। पढ़ाई पूरी करके नौकरी के बाद थोड़ा-थोड़ा करके सरकार को पैसा लौटा दीजिएगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया। उच्च शिक्षा प्राप्त शिक्षकों की बहाली होगी। 5000 स्कूलों में निजी स्कूलों की तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।  कौन जानता था कि आदिवासी का बच्चा विदेश में पढ़ेगा लेकिन हमने इसे हकीकत बनाया। हम प्रति छात्र 1 करोड़ रुपये खर्च करते हैं। हमने 50 से ज्यादा बच्चों को विदेश भेजा। कई और युवा तैयारी कर रहे हैं। 

9. हम नियुक्तियां दे रहे हैं तो विपक्ष षड्यंत्र करता है। हमारी मुहिम में व्यवधान डालता है। पढ़े-लिखे नौजवान तैयारी करें। आवेदन शुल्क भी काफी कम है। पहली बार जेपीएससी की दो परीक्षाएं बिना विवाद के संपन्न कराई। आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, किसान और मजदूर के बेटे पदाधिकारी बने हैं। यह पारदर्शिता का उदाहरण है। 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला। रघुवर कार्यकाल में 75 फीसदी बाहरी युवकों को नौकरी मिलती थी। कम पढ़े लिखे नौजवानों के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना है। रोजगार के लिए सरकार पूंजी देगी। युवा अपनी रुचि औप पसंद के हिसाब से स्वरोजगार चुन सकते हैं। युवा सरकार से आर्थिक सहायता लेकर नौकरी मांगने की जगह नौकरी देने वाला बन सकते हैं। बिरसा हरित ग्राम योजना के जरिए फलदार पेड़ लगाकर किसान भाई अपनी आर्थिक उन्नति कर सकते हैं। 

10. मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के जरिए सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके में रहने वाली जनता को प्रखंड और जिला मुख्यालय तक पहुंचाया जाएगा। आंदोलनकारियों, छात्र-छात्राओं, बुजुर्गों और महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी।  जामताड़ा में 500 किमी लंबी ग्रामीण सड़क का निर्माण होगा। पथ निर्माण विभाग द्वारा 220 किमी लंबी सड़क की स्वीकृति दी है जिसकी लागत 250 करोड़ रुपये होगी। जामताड़ा में तकरीबन 850 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। बारबिंदिया पुल का मामला आप जानते हैं। निर्माण के बाद 15 साल बाद ही ढह गया। कई लगों की जान गई। अब 270 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण होगा।