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झारखंड में हो रहा है टेंडर मैनेज, पारदर्शिता का घोर अभाव- बाबूलाल मरांडी

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द फॉलोअप डेस्क
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य की सरकारी टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया। उन्होने कहा कि झारखंड में सरकारी टेंडर आवंटन प्रक्रिया की पारदर्शिता लगातार संदेह के घेरे में रही है। महालेखाकार की जांच में यह सामने आया है कि पेयजल स्वच्छता, ग्रामीण कार्य विकास, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन जैसे दर्जनों विभागों में एक ही आई पी  एड्रेस से टेंडर भरे गए, जिससे स्पष्ट है कि ठेके पहले से ही तय होते हैं। साथ ही उन्होने कहा कि पूरी प्रक्रिया सिर्फ औपचारिकता होती है। अपने करीबी लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

टेंडर में अनियमितता से पड़ता है काम के गुणवत्ता पर असर
साथ ही बाबूलाल मरांड़ी ने कहा कि जब टेंडर आवंटन में इतनी अनियमितता होगी, तो सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं की गुणवत्ता पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। नतीजा यह है कि जलमीनार ध्वस्त हो रहे हैं, सड़कें महीनों में ही जर्जर हो जाती हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों में इंजीनियर, अधिकारी से लेकर मंत्री तक जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। यह स्थिति न केवल प्रदेश के विकास में बाधक बन रही है, बल्कि झारखंड की छवि भी खराब कर रही है। अगर भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आम जनता का सरकारी तंत्र पर से विश्वास पूरी तरह उठ जाएगा। इस तरह के काम की जवाबदेही तय की जाए और पारदर्शिता सुनिश्चित कर जनता के पैसों की लूट को रोका जाए।

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