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आत्महत्या करनेवाले पंचायत सचिव सुखलाल के परिजनों की मांगें प्रशासन ने मानी, आंदोलन समाप्त

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द फॉलोअप डेस्क

गिरिडीह जिले के डुमरी पंचायत सचिव सुखलाल महतो की आत्महत्या के बाद शुरू हुआ आंदोलन आखिरकार प्रशासन को झुकने पर मजबूर कर गया। मृतक के परिजनों द्वारा उठाई गई चार सूत्रीय मांगों को प्रशासन ने मान लिया है, जिसके बाद सोमवार सुबह आंदोलन समाप्त हो गया। मृतक का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कुलगो में कर दिया गया।

प्रशासन ने सभी मांगों पर दी सहमति
रविवार देर रात सुखलाल महतो के शव को डुमरी प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर रखकर परिजनों व स्थानीय ग्रामीणों ने धरना शुरू किया था। मृतक के समर्थन में डुमरी विधायक जयराम महतो भी मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की। वार्ता के बाद प्रशासन ने लिखित रूप से सभी मांगों को स्वीकार कर लिया।
परिजनों को मिला आश्वासन
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मृतक की विधवा पत्नी की सहमति के आधार पर परिवार के एक सदस्य को 15 दिनों के भीतर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। देय वित्तीय लाभ जैसे ग्रेच्युटी, ग्रुप बीमा, उपार्जित अवकाश, भविष्य निधि आदि की राशि भी 15 दिनों के भीतर भुगतान की जाएगी। पारिवारिक पेंशन के लिए आवश्यक दस्तावेज महालेखाकार कार्यालय, रांची को अग्रसारित किए जाएंगे।

नामजद अभियुक्तों पर विभागीय कार्रवाई की मांग
मृतक पंचायत सचिव द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट के आधार पर डुमरी प्रखंड विकास पदाधिकारी अंवेषा ओना, पीएमएवाई के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर अजय कुमार, रोजगार सेवक अनिल कुमार साव और बालथरिया पंचायत के मुखिया पति परमेश्वर नायक के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए डुमरी थाना में नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला थाना कांड संख्या 71/25, दिनांक 16.06.2025 को दर्ज किया गया, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108/61, 316/351/352 BNS के तहत कार्रवाई की जा रही है।

विधायक की रही अहम भूमिका
इस पूरे घटनाक्रम में डुमरी विधायक जयराम महतो की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने मृतक के परिजनों की ओर से ग्रामीण विकास विभाग की मंत्री दीपिका पांडे सिंह से दूरभाष पर बात कर अतिरिक्त सहायता की मांग की, जिस पर मंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया।

आत्महत्या से पहले लिखा पत्र, सोशल मीडिया पर किया साझा
गौरतलब है कि 13 जून को सुखलाल महतो ने डुमरी प्रखंड कार्यालय परिसर में सल्फास खा लिया था। आत्महत्या से पूर्व उन्होंने एक पत्र सोशल मीडिया पर डुमरी विधायक के नाम साझा किया था। गंभीर अवस्था में उन्हें डुमरी से धनबाद और फिर रांची रिम्स रेफर किया गया, जहाँ 15 जून की रात उनकी मृत्यु हो गई।



 

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