लातेहारः
स्वास्थ्य विभाग भले ही बेहतर सुविधा देने का दावा करता हो। लेकिन धरातल पर उसकी सच्चाई क्या है यह किसी से छुपी नहीं है। आए दिन स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था की तस्वीरें सामने आती रहती है। कभी खटिया पर मरीज को धोकर एंबुलेंस तक पहुंचाया जाता है, तो कभी कुर्सी में बैठा कर नदी पार कराया जाता है। ताजा मामला लातेहार जिला के बालूमाथ थाना क्षेत्र के बसिया पंचायत के टेमराबार गांव का है। जहां एक शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था तक नहीं दी गई। इसके बाद मजबूरी में परिजनों को शव को ठेले पर लाद कर ले जाना पड़ा।
ठेले पर लादकर ले गया शव
दरअसल चंदरू लोहरा की शराब पीने से तबीयत खराब हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने उसे बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मौत के बाद चंदरू लोहरा के भतीजा टुल्लू लोहरा ने अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस मांगा लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस की सुविधा नहीं दी। उन्होंने मृतक के परिजनों को कहा कि अपनी व्यवस्था खुद ही कर लीजिए। मृतक के परिजनों ने बताया कि हम गरीब हैं खुद से भी कोई इंतजाम नहीं कर पाए क्योंकि हमारे पास इतने पैसे नहीं थे। इसलिए शव को ठेले में लादकर घर ले गए। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में एक एंबुलेंस खड़ी थी इसके बावजूद भी हमें नहीं दी गई।
अस्पताल दे सारी सुविधा
बालूमाथ के पूर्व उप प्रमुख संजीव सिन्हा ने मृतक के परिजनों को ठेला में शव ले जाते देखा। तो उन्होंने रोककर पूरी जानकारी ली। उसके बाद उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को फोन करके पूछा। उसके बावजूद प्रबंधन एंबुलेंस देने में कोई रुचि नहीं दिखाई। बताया जाता है कि पूर्व डीसी ने कहा था कि किसी भी मृतक के शव को उसके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की है। अगर परिजन वाहन की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं है तो ऐसे में अस्पताल को मदद करना होगा। लेकिन वर्तमान में यह आदेश प्रभावी नहीं रहा। इस कारण यह शर्मसार करने वाली घटना घटी