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स्टेट यूनिवर्सिटी बिल : राज्यपाल चांसलर और उच्च शिक्षा मंत्री होंगे प्रो चांसलर

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द फॉलोअप डेस्क
राज्य के उच्च शिक्षा व्यवस्था में समरुपता और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम-2025 का प्रारूप तैयार कर लिया है। पिछले काफी दिनों से यह प्रारूप सरकार की स्वीकृति के लिए इस विभाग से उस विभाग भटक रहा है। लेकिन उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू की प्राथमिकता और प्रयास से अब यह जल्द ही कैबिनेट की स्वीकृति प्राप्त कर सकता है। हालांकि अभी भी अधिनियम के कुछ बिंदुओं पर वित्त विभाग सहमत नहीं है। लेकिन वित्त विभाग की उन आपत्तियों को सुधार कर सरकार इसे जल्द स्वीकृति प्रदान करने के पक्ष में है। ताकि विधानसभा के मानसून सत्र में इस महत्वपूर्ण विधेयक पर सदन की भी स्वीकृति ली जा सके। विश्वविद्यालय अधिनियम का प्रारूप देश के अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन करने के बाद तैयार किया गया है। उन राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात व अन्य शामिल हैं।


झारखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनयम लाने का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी 10 रेगुलर विश्वविद्यालयों और तीन तकनीकी विश्वविद्यालयों में एकरूपता लाना है। सरकार का मानना है कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय यूजीसी से गाइड होते हैं। उन्हें यूजीसी के गाइड लाइन को समान रूप से फॉलो करना है। लेकिन विश्वविद्यालयों के क्रिया कलापों में अक्सर काफी अंतर देखा जा रहा है। इसलिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक मॉडल एक्ट का होना जरूरी है। इस विधेयक में राज्यपाल सभी रेगुलर और तीन अन्य तकनीकी विश्वविद्यालयों के चांसलर होंगे। विभागीय मंत्री अर्थात उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग के मंत्री इसके प्रो चांसलर होंगे। 


विवि सेवा आयोग के माध्यम से होगी नियुक्ति
अधिनियम के प्रारूप में विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन का भी प्रावधान है। उसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से ही कुलपति, प्रति कुलपति, परीक्षा नियंत्रक, रजिस्ट्रार, फाइनांस अफसर व अन्य की नियुक्ति होगी। महाविद्यालयों में एक गवर्निंग बॉडी होगी। गवर्निंग बॉडी अन्य विषयों पर निर्णय लेने के अलावा जरूरत के अनुसार पद सृजन कर सकेगा। लेकिन पद सृजन के बाद नियुक्तियों पर खर्च होनेवाली राशि स्वयं महाविद्यालय वहन करेगा। 
कई तरह के बोर्ड का गठन होगा


विश्वविद्यालय अधिनियम में विश्वविद्यालयों को कई तरह के बोर्ड के गठन का अधिकार दिया गया है। मसलन बोर्ड ऑफ रिसर्च, बोर्ड ऑफ इनोवेशन, बोर्ड ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप, ह्युमन रिसोर्स मैनेजमेंट बोर्ड व अन्य।


राज्य के विश्वविद्यालय
सामान्य विश्वविद्यालय-रांची विश्वविद्यालय, सिदो कान्हो विश्वविद्यालय विनोबा भावे विश्वविद्यालय नीलांबर पितांबर विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय, वीर बुद्धु भगत विश्वविद्यालय, वैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, जेसी बोस विश्वविद्यालय
तकनीकी विश्वविद्यालय-रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय, पंडित रघुनाथ मुर्मू विश्वविद्यालय।

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