द फॉलोअप डेस्कः
नए संसद भवन मामले को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया कि कोर्ट जानता है कि यह याचिका किसलिए दायर की गई है। ऐसी याचिकाओं को देखना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है। कोर्ट ने पूछा कि इस याचिका से किसका हित होगा? इस पर याचिकाकर्ता सटीक जवाब नहीं दे पाए।दायर की गयी इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से नये भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया है कि लोकसभा सचिवालय का बयान और लोकसभा के महासचिव का उद्घाटन समारोह के लिए जारी निमंत्रण देश के संविधान का उल्लंघन है। याचिका में यह भी बताया गया था कि प्रतिवादी लोकसभा सचिवालय और भारत संघ राष्ट्रपति को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं कर उन्हें अपमानित कर रहे हैं। वे देश की प्रथम नागरिक हैं और इस लोकतांत्रिक संस्था की प्रमुख हैं।
कई पार्टियों ने किया बहिष्कार
संभावना है कि संसद भवन के उद्घाटन में 25 राजनीतिक दल शामिल होंगे। वहीं, 21 दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। दूसरी ओर भाजपा समेत 17 पार्टियों ने सरकार के न्योते को स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उद्घाटन कराने का न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। विपक्ष का कहना है कि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। ऐसे में नए भवन का कोई मतलब नहीं है।
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