रांचीः
राजभवन के सामने पिछले 22 दिनों से राज्य के तमाम एएनएम और जीएनएम धरना पर बैठे हैं। पिछले 15 दिनों से 21 लोग आमरण अनशन पर हैं। सबकी हालत खराब होते जा रही है। आज भी एक एएनएम की तबीयत बिगड़ गई है, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया है। आज बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने भिक्षाटन का कार्यक्रम किया। इस दौरान राजभवन से लेकर कचहरी तक स्वास्थयकर्मियों ने लोगों के सामने हाथ फैलाकर भिख मांगते दिखे। रास्ते से आते जाते लोगों ने उनका समर्थन करने के लिए कुछ पैसे भी दिये। कुछ दुकानदारों ने इस दौरान फल, ब्रेड, बिस्किट पानी भी भिक्षाटन में प्रदर्शनकारियों की झोली में डाले। तमाम स्वास्थकर्मियों ने कहा कि सरकार ने हमें भीख मांगने पर मजबूर कर दिया है। जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मानती है। जब तक हमें नियमित नहीं किया जाता है, तब तक हम इसी तरह अनशन पर बने रहेंगे।
डटे रहेंगे आंदोलन में
कुछ दिनों पहले ये लोग राज्यपाल के पास भी गये थे उस दिन राज्यपाल ने आश्वासन दिया था कि वह स्वास्थय मंत्री से इस विषय पर बात करेंगे। विधायक लोबिन हेंब्रम भी इनसे मिलने आये थे, वह भी सिर्फ आश्वासन देकर चले गये। स्वास्थयकर्मियों का कहना है कि जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाएगा तब तक अपनी मांगों को लेकर वह आंदोलन करते रहेंगे। फिर चाहे इसमें उनकी जान ही क्यों ना चली जाए। कुछ एएनएम ने कहा कि सरकार हमें भीख मांगने लायक ही वेतन देती है। अब चोरी करने से अच्छा है, भूखे मरने से अच्छ है हम भीख मांग कर ही गुजारा कर ले।
कर्मचारियों के इस रैली से रांची शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो गई थी। चारों तरफ जाम का माहौल लगा रहा। भूखे प्यासे कर्मचारी दोगुने जोश में आर पार की लड़ाई के लिए तैयार दिखे। यदि सरकार जल्द इस पर कोई निर्णय नहीं लेती है तो यह लड़ाई और भी व्यापक रूप से चलाई जाएगी। और जब तक कर्मचारियों के 1 सूत्री मांग वर्ष 2014 के पारा मेडिकल नियमितीकरण नियमावली के तर्ज पर सभी अनुबंधित पारा मेडिकल कर्मियों यथा एएनएम जीएनएम लैब टेक्नीशियन फार्मासिस्ट x-ray टेक्निशियन एवं नेत्र सहायक के नियमितीकरण के लिए संर्घष कर रहा है।