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ED की सीएम से पूछताछ आज : छावनी में तब्दील हुआ सीएम आवास, 200 से ज्यादा पुलिस पदाधिकारी-जवान तैनात

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

जमीन घोटाला केस में 8 समन के बाद आखिरकार आज वो दिन आ गया जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी के अधिकारी पूछताछ करेंगे। मुख्यमंत्री आवास में ही ये पूछताछ होने वाली है क्योंकि 8वें समन पर ईडी ने मुख्यमंत्री को यही विकल्प दिया था। मुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए ईडी के अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पहुंचेंगे और इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये हैं। राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के बाहर सुरक्षाबल के जवानों और पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गई है। 200 से ज्यादा जवान इन स्थानों पर तैनात हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद हैं। गौरतलब है कि सिटी एसपी राजकुमार मेहता खुद मुख्यमंत्री आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था संभालने में लगे हैं।

ईडी अधिकारियों को 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पहुंचना था लेकिन, अभी वे जोनल कार्यालय से नहीं निकले हैं। ईडी के रांची जोनल कार्यालय में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं।

राजभवन के समीप भी जुटे झामुमो कार्यकर्ता
राजभवन के बाहर झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुटे हैं। कार्यकर्ता लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं। उनमें आक्रोश भी दिख रहा है। शुक्रवार को भी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के समीप इकट्ठा हुए थे। उनका कहना है कि यदि मुख्यमंत्री को छुआ (गिरफ्तारी) तो हालात बेकाबू हो जाएंगे। कल, आदिवासी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था, इसे लेकर भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। रांची में विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास के इर्दगिर्द ज्यादा संख्या में इकट्ठा न हों। 

ईडी ने मुख्यमंत्री को कुल 8 समन भेजा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला केस में ईडी ने अगस्त 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक 8 समन भेजे। 7वें समन तक मुख्यमंत्री ने यही जवाब भेजा कि ईडी बताए कि केस में वे आरोपी हैं या गवाह के तौर पर सहयोग के लिए बुलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने दूसरे समन के बाद ही सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था लेकिन वहां से उन्हें पहले निचली अदालत जाने को कहा गया। झारखंड हाईकोर्ट ने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी कि ईडी को किसी भी व्यक्ति को बुलाने औऱ बयान लेने का विशेषाधिकार है। कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा। आखिरकार मुख्यमंत्री पूछताछ के लिए तैयार हुए और 20 जनवरी की तारीख निर्धारित हुई।