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खुद को जिंदा साबित करने के लिए बुजूर्ग को लगाने पड़ रहे बाबुओं के चक्कर, 9 महीने से नहीं मिला पेंशन

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द फॉलोअप डेस्कः
कई बार सरकारी कर्मचारियों के लापरवाही से लोगों को जिंदा रहते भी कागज में यह साबित करना पड़ता है कि वह जिंदा है। ऐसा ही मामला बोकारो के कसमार प्रखंड से आया है। जहां एक वृद्ध को मृत घोषित कर उनका पेंशन रोक दिया गया है। वृध्द का नाम खेदन घांसी है जो कसमार प्रखंड के बगदा के रहने वाले हैं। सरकारी रिकॉर्ड में खेदन अब मृत घोषित किए जा चुके हैं। खुद को जिंदा साबित करने के लिए उन्हें बाबुओं के कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। सितंबर 2022 से उनका पेंशन बंद है। लाखों कोशिशों के बावजूद भी उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लग रही है। 

 

बीडीओ ने लिखा पत्र 
दरअसल खेदन घांसी को कई साल से वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी। फिर अचानक ही सितंबर 2022 से इन्हें पेंशन आनी बंद हो गई। वह पेंशन के लिए प्रखंड कार्यालय गये। कई बार चक्कर लगाने पर पता चला कि सरकारी रिकॉर्ड में वह मृत हो चुके हैं। इसके बाद उन्होंने भागदौड़ शुरू की। कसमार बीडीओ विजय कुमार ने जब इसकी सूचना हुई तो उन्होंने 2 अप्रैल 2023 को सामाजिक सुरक्षा बोकारो के सहायक निदेशक को पत्र लिखा। जिसमें कहा गया है कि बगदा के पंचायत सचिव द्वारा भूलवश जीवित पेंशनधारी को मृत घोषित कर दिया गया था। इस कारण इनकी पेंशन रुक गई है। इसलिए सितंबर 2022 से इनकी पेंशन का भुगतान किया जाए। हालांकि अब तक खेदन की पेंशन शुरू नहीं हुई है। 
 

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