द फॉलोअप डेस्कः
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में सियासी संकट का माहौल उतपन्न हो गया था। लेकिन अब वह खत्म होता दिख रहा है। दरअसल राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को शपथ ग्रहण के लिए न्योता भेजा है। चंपई नए मुख्यमंत्री के तौर पर शुक्रवार को शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण के बाद उन्हें 10 दिन के अंदर बहुमत साबित करना होगा। इससे पहले झारखंड में पूरे दिन सियासी उठापटक जारी रही। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की ओर से चंपई को नया नेता चुन लिया गया फिर भी राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया था। चंपई के शपथ ग्रहण पर असमंजस के बीच महागठबंधन के विधायकों को एकजुट रखने के लिए भी मशक्कत की जाती रही। चंपई सोरेन के साथ आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता शपथ ले सकते हैं। सत्यानंद भोक्ता आरजेडी से हैं जबकि आलमगीर आलम कांग्रेस के विधायक हैं। इससे पहले गुरुवार को साढ़े पांच बजे चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने 43 विधायकों के समर्थन का दावा किया।
किन किन दलों के विधायकों का समर्थन?
इससे पहले विधायकों में टूट के 'डर' से उन्हें राज्य से बाहर भेजने का फैसला किया गया। उन्हें हैदराबाद भेजेन की तैयारी थी लेकिन खराब मौसम की वजह से विमान उड़ान नहीं भर पाया और विधायकों को वापस लौटना पड़ा। कुल 40 विधायकों को हैदराबाद भेजने की तैयारी थी। चंपई सोरेन के पास जिन 43 विधायकों का समर्थन है उसमें के 24, कांग्रेस के 17, आरजेडी और सीपीआई (एमएल) के एक-एक विधायक शामिल हैं। एयरपोर्ट पर करीब दो घंटे के इंतजार के बाद विधायक सर्किट हाउस लौट गए, जहां वे ठहरे हुए हैं। विधायक दिन में ही हैदराबाद जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण दिल्ली से रांची विमान आने में भी देर हुई। इसी बीच देर शाम राज्यपाल ने चम्पाई को शपथ ग्रहण के लिए समय दे दिया।
स्थिर सरकार का दावा
बुधवार रात को हेमंत के इस्तीफे के तत्काल बाद ही चम्पाई ने महागठबंधन के 47 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने के लिए दावा पेश कर दिया था, लेकिन राज्यपाल ने उन्हें शपथ ग्रहण कराने को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिए। गुरुवार को देर रात तक राजभवन की चुप्पी बरकरार रही। इस बीच महागठबंधन के नेताओं की बैचेनी बढ़ी रही। दोपहर को चम्पाई ने दोबारा राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा कि दो दिनों से सरकार के गठन को लेकर राज्यपाल द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने से असमंजस की स्थिति है। इसके बाद शाम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर उन्होंने दोबारा 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा। कहा कि कुछ और विधायकों के रांची पहुंचने से उनके पास 45-46 विधायक हो जाएंगे।