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आज नेशनल डॉक्टर्स डे, कोरोना काल में झारखंड ने खोया है 61 डॉक्टरों को

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द फॉलोअप डेस्कः
देशभर में आज डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है। यह खास दिन प्रसिद्ध चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय को समर्पित है, जिनका जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना में हुआ था। इस दिन को मनाने के शुरुआत साल 1991 से हुई थी। इसका मकसद जीवन बचाने वाले डॉक्टरों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करना है। डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। वह डॉक्टर ही होते हैं जो हमें छोटी से लेकर बड़ी बीमारियों से बाहर निकालते हैं। डॉक्टरों के प्रति हम जितना भी आभार व्यक्त कर ले वह कम है। लेकिन हम कभी-कभी भूल जाते हैं कि बाकियों का इलाज करते-करते खुद डॉक्टर्स भी कभी बीमार पड़ जाते हैं। कई संकटो की चपेट में वो भी आ जाते हैं। उन्हीं में से एक था कोरोना संकट। इस महामारी के काल के गाल में लाखों लोग समा गये। उनमें देश के कई डॉक्टर्स भी थे। जिसमें झारखंड के भी 61 डॉक्टर शामिल थे। कोरोना के कारण झारखंड ने 61 डॉक्टरों को खो दिया। इसमें रांची के 5 डॉक्टर थे। ये सभी डॉक्टर मरीजों की सेवा करते हुए दुनिया से चले गये। 


अब तक नहीं मिल सकी है सहायता राशि 
आइएमए ने इन सभी डॉक्टरों की सूची राज्य सरकार और नेशनल आइएमए को दी थी, ताकि समय पर  उनको परिवारों को मुआवजा मिल सके। आइएमए के स्टेट सेक्रेटरी डॉ प्रदीप सिंह ने बताया कि कोरोना काल में हमने 61 डॉक्टरों को खो दिया। आइएमए की ओर से डॉक्टरों के आश्रितों को कुछ सहयोग राशि दी गयी है, लेकिन सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं दी गई। कई बार सरकार से सहायता राशि की मांग की गयी, लेकिन अभी तक मामला फंसा हुआ है। बता दें कि कोरोना काल में रिम्स के करीब 200 से ज्यादा डॉक्टर संक्रमित हुए थे। इन डॉक्टर्स ने जी जान लगाकर मरीजों की सेवा की थी। जब अपने अपनों से दूरी बना रहे थे तब डॉक्टर ही थे जो लोगों के लिए भगवान साबित हुए थे। 

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