logo

Ranchi : लालू यादव पटना में मनाएंगे होली या फिर जाएंगे जेल, आज होगा फैसला

lalu_dental3.jpg

रांचीः
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज सुनवाई होगी। इस मामले में 4 मार्च को सुनवाई हुई थी, लेकिन कुछ त्रुटियों के कारण अदालत ने फिर से याचिका दाखिल करने को कहा था। त्रुटियों वजह से उस दिन  कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया था, और आज की तिथि निर्धारित की गई थी। मामले की सुनवाई जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में होनी है। लालू यादव के वकील देवर्षि मंडल के अनुसार लालू प्रसाद यादव अपनी आधी सजा जेल में काट चुके हैं। साथ ही वह 17 प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसलिए वह अदालत से लालू प्रसाद यादव को जमानत देने की गुहार लगाएंगे। न्यायालय के फैसले पर परिवार से लेकर समर्थकों तक की निगाहें लगी हैं। सबको इंतजार है कि लालू  इस बार होली में पटना में मनाते हैं या जेल में । 


स्वास्थ्य में हो रही गिरावट 
लालू यादव की तबियत भी दिन ब दिन खराब होती जा रही है। उनके खाने पीने को लेकर काफी सावधानी बरती जा रही है, डॉक्टरों ने उनके मछली खाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। डॉक्टरों ने उन्हें संतुलित आहार लेने को कहा था लेकिन वह इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसका असर उनकी स्वास्थ्य पर हो रहा है।


प्रोटीन लेने पर मनाही  
डॉक्टरों ने लालू के प्रोटीन लेने से मनाही कर दिया है। डॉक्टरों ने यहां तक कह दिया है कि अगर प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन बंद नहीं किया गया तो किडनी पूरी तरह डैमेज हो जाएगी। इसके बाद डॉक्टर भी कुछ नहीं कर पाएंगे। डॉक्टरों का कहना है कि लालू प्रसाद की किडनी फंक्शन में थोड़ी गिरावट हुई हैं। जांच में उनका क्रिएटिनीन लेवल 3.5 से बढ़कर 4.1 हो गया है। इलाज करने वाले डॉ विद्यापति ने बताया, 'किडनी की बीमारी फोर्थ स्टेज में लंबे समय से है। फिलहाल डायलिसिस की जरूरत नहीं है। क्रिएटिनीन के अलावा बीपी और शुगर की स्थिति सामान्य है। समय समय पर लगातार जांच की जा रही है।'


AIIMS दिल्ली भी रेफर किया जा सकता है। 
लालू यादव की खराब सेहत को देखते हुए कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री व लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी जल्द रांची आ सकती हैं। वह लालू की बिगड़ती सेहत को लेकर काफी चिंतित हैं और ऐसे में अपने लालू को देखने रांची जल्द आ सकतीं है। डॉक्टरों ने बताया कि एक सप्ताह बाद दोबारा उनकी किडनी की जांच कराई जाएगी। वर्तमान दवाएं अगर असरदार साबित नहीं हुईं तो नई दवाएं चलाई जाएंगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें AIIMS दिल्ली भी रेफर किया जा सकता है।