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हेमंत सोरेन की रिहाई तक नहीं मनाएंगे कोई पर्व- संताल समाज

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में गिरिडीह के आदिवासी समुदाय के लोगों ने बड़ा ऐलान किया है। संताल समाज की बैठक में कहा गया है कि जब तक हेमंत की रिहाई नहीं हो जाती आदिवासी समाज में कोई सामूहिक उत्सव नहीं होगा। बैठक में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हिम्मत देने के लिए समाज ने यह निर्णय लिया है।इसके साथ ही हर रविवार सामूहिक उपवास रखा जाएगा। उस दिन किसी के घर में चूल्हा नहीं जलेगा। इसके साथ ही हेमंत सोरेन की रिहाई तक प्रत्येक रविवार को नगाड़ा बजाया जाएगा और पूरे विधि विधान के साथ मांझी थान में पूजा-अर्चना की जाएगी। 


बीजेपी ने षड्यंत्र के तहत आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल भेजवाया
गौरतलब है कि शुक्रवार (9 फरवरी) को गिरिडीह के आदिवासी समाज की बेंगाबाद प्रखंड स्तरीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक तराजोरी पंचायत के धुमाडीह मैदान में हुई। बैठक में आदिवासी समाज को सम्मान राशि देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार जताया गया। योजना के तहत जमा किए जाने वाले जरूरी दस्तावेज व अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। सदस्यों ने हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। आदिवासी समाज के नेताओं ने कहा कि बीजेपी  ने षड्यंत्र के तहत आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल भेजवाने का काम किया है। 


31 जनवरी को हुई थी हेमंत की गिरफ्तारी
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत जमीन घोटाला मामले में ईडी की हिरासत में हैं। उन्हें रिमांड पर लेकर ईडी लगातार पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि 31 जनवरी को करीब 7 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चंपाई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया और 2 फरवरी को झारखंड में चंपाई सरकार स्थापित की गई। 5 फरवरी को हुए फ्लोर टेस्ट में हेमंत सोरेन भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जमकर अपनी भड़ास निकाली थी। केंद्र सरकार और एजेंसी को खुली चुनौती देते हुए हेमंत ने कहा था कि अगर मेरे खिलाफ सबूत है तो पेश करें। मामला सच निकला तो मैं राजनीति से इस्तीफा दे दूंगा और राज्य छोड़ दूंगा।

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