रांची
आज बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अमन साहू गैंग के ठिकानों पर छापेमारी की है। जांच एजेंसी की 6 घंटे तक चली इस कार्रवाई में अमन साहू के बुढ़मू स्थित पैतृक घर के साथ-साथ बुकरू और हजारीबाग के गिद्दी थाना के ठिकानों पर छापेमारी की गयी है। जांच एजेंसी को छापेमारी में अमन के घर से फॉर्च्यूनर वाहन, सीसीटीवी का डीवीआर, बैंक खातों से संबंधित कागजात सहित कई अन्य दस्तावेज मिले हैं। छापेमारी में शामिल अधिकारियों ने बताया कि टेरर फंडिंग मामले में यह छापेमारी की गयी है।
जेल में बंद है अमन साहू
बता दें कि गैंगस्टर अमन साहू इन दिनों पलामू जेल में बंद है। अमन पर आरोप है कि वह जेल से ही अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है। व्यापारियों को धमकी देकर पैसे की उगाही करना उसका मुख्य धंधा है। एनआईए लातेहार के बालूमाथ स्थित तेतरियाखाड़ कोलियरी में गोलीबारी मामले में टेरर फंडिंग के तहत जांच कर रही है। इस मामले में जांच एजेंसी ने 9 फरवरी 2024 को बिहार के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। भागलपुर, पूर्णिया और मधेपुरा के ठिकानों पर जांच एजेंसी ने छापेमारी की थी। इन ठिकानों से सवा करोड़ से अधिक रुपये जब्त किये गये थे। जांच में इस रकम के तार अमन साहू गिरोह से जुड़े होने की बात कही गयी थी।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी जुड़े हैं तार
गौरतलब है कि अपराधी सुनील मीणा भी अमन साहू गैंग से जुड़ा रहा है। मीणा की गिरफ्तारी झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। सुनील मीणा मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर जिला घडसाना के नयी मंडी का निवासी है। जांच में सामने आया है कि सुनील लॉरेंस बिश्नोई गैंग के विश्वस्त लोगों में रह चुका है। मीणा वर्क वीजा पर भारत से मलेशिया गया और वहां सुनील कुआलालंपुर में रहने के दौरान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के संपर्क में आया। फिर उसकी मुलाकात लॉरेंस से हुई और मलेशिया से ही अपराध की दुनिया में अपनी जड़े जमाने लगा। मीणा लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर राजस्थान और पंजाब के कई जिलों में हत्या, रंगदारी वसूली, फायरिंग जैस़ी वारदात कर चुका है।