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ऐतिहासिक फैसला : भारतीय क्रिकेट में महिला-पुरुष बराबर, वेतन का भेदभाव खत्म

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डेस्क :

भारतीय क्रिकेट में महिला-पुरुष खिलाड़ी अब बराबरी पर होंगे। दरअसल दोनों के वेतन में काफी अंतर था। मगर अब वेतन का भेदभाव खत्म हो गया है। इस ऐतिहासिक फैसले की जानकारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह ने सोशल मीडिया पर दी। बीसीसीआई के ऑफिशियल ट्विटर से इसकी जानकारी देते हुए जय शाह ने कहा है कि महिला क्रिकेटरों को पुरुष खिलाड़ियों के बराबर मैच फीस का भुगतान किया जाएगा। टेस्ट क्रिकेट में एक मैच के लिए पुरुष खिलाड़ियों को 15 लाख रुपए मिलते हैं। वनडे इंटरनेशनल में 6 लाख रुपए और टी20 इंटनेशनल क्रिकेट में एक मैच खेलने के लिए 3 लाख रुपए मिलते हैं। BCCI के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर शाह ने कहा कि मैंने वादा किया था कि पुरुष-महिला क्रिकेट टीम के प्लेयर्स की मैच फीस में बराबरी लाएगी। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है। अब बीसीसीआई की सेंट्रल कांट्रेक्ट लिस्ट में शामिल महिला क्रिकेटर्स को पुरुष टीम के खिलाड़ियों के बराबर फीस मिलेगी। जय शाह ने इस फैसले के लिए एपेक्स काउंसिल को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है।

पहले मिलते थे टेस्ट के लिए 4 लाख रुपए
महिला और पुरुष क्रिकेटों के मैच फीस में काफी अंतर था। पुरुष खिलाड़ियों को एक टेस्ट में जितना मैच फीस मिलता था उसके लिए महिला क्रिकेटर को करीब चार मैच खेलने होते थे। उसी प्रकार वनडे इंटरनेशनल मैच के लिए पुरुष के बराबर फीस पाने के लिए पांच मैच अधिक खेलने पड़ते थे। दरअसल पहले टेस्ट के लिए महिला क्रिकेटर को 4 लाख, वनडे इंटरनेशनल मैच के लिए 01 लाख और टी-20 के लिए 01 लाख रुपए ही मिलते थे। मगर अब वेतन बराबरी के बाद टेस्ट के लिए 15 लाख रुपए, वनडे इंटरनेशन मैच के लिए 6 लाख और टी-20 खेलने पर 03 लाख रुपए फीस के रूप में मिलेंगे।

न्यूजीलैंड भी कर चुका है ये काम
महिला व पुरुष क्रिकेट के खिलाड़ियों के बीच मैच फीस बराबर करने के मामले में न्यूजीलैंड ने सबसे पहले यह पहल की। इस साल के शुरुआत में ही न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने प्लेयर्स एसोसिएशन के साथ एक कांट्रेक्ट साइन किया था। इसके तहत मेल और फीमेल प्लेयर्स को बराबर मैच फीस मिलती है। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड भी दिशा में कार्य कर रहा है। मगर उससे पहले ही बीसीसीआई ने यह काम कर दिखाया।