logo

स्वाबलंबन : कभी शराब बेचकर होता था गुजारा, अब 'दीदी भोजनालय' खोल आत्मनिर्भर बनीं महिलायें

didibhojnalaya.jpg

प्रीतम कुमार, लोहरदगा: 

कभी शराब बेचने वाली महिलाएं अब लोगों को बैठाकर भोजन करा रही हैं। यह परिवर्तन इनकी सोच की वजह से आया है। जिला मुख्यालय के समक्ष इन महिलाओं के द्वारा दीदी भोजनालय चलाया जा रहा है। कभी ये महिलाएं बाजार के कोने में और सड़क के किनारे अवैध रूप से शराब बेचती थीं, लेकिन शराब बेचने में इनके मान सम्मान को तो ठेस पहुंचती थी। 

स्वाबलंबी बनने का फैसला
आजीविका सखी महिला मंडल से जुड़ने के बाद इन महिलाओं ने स्वावलंबी होने का फैसला लेते हुए सामूहिक रूप से मिलकर होटल चलाने का फैसला लिया। इसके बाद लोहरदगा जिला मुख्यालय के समक्ष इन महिलाओं के द्वारा दीदी भोजनालय के नाम से एक होटल खोला गया। यहां आदिवासी व्यंजन पकौड़ी, कचौड़ी सहित अन्य पकवान मिलता है।

शराब नहीं भोजन परोसती हैं
अब ये शराब नहीं परोसतीं। आत्मविश्वास के साथ लोगों को बैठाकर भोजन कराती हैं। महिलाओं का कहना है कि इस कार्य में यह काफी संतुष्ट भी हैं। इनके मान सम्मान को बढ़ाने का कार्य यह छोटा सा दीदी भोजनालय करेगा। आर्थिक मजबूती भी मिलेगी।