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वॉशिंग मशीन में छिपाकर रखे थे करोड़ों रुपये, ED को ऐसे मिली कामयाबी; इस कंपनी से जुड़ा है मामला 

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द फॉलोअप डेस्क 

ED की टीम ने वॉशिंग मशीन में छिपाकर रखे गये करोड़ों रुपये जब्त किये हैं। जांच एजेंसी ने विदेशी कंपनी को भुगतान से जुड़े मामले में छापेमारी करते हुए ये कामयाबी हासिल की है। मिली खबर के मुताबिक ED की टीम ने कैप्रीकॉर्न शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, कुरुक्षेत्र और कोलकाता स्थित ठिकानों पर छापेमारी की है। साथ ही कंपनी के निदेशक विजय कुमार शुक्ला औऱ संजय गोस्वामी के आवासीय ठिकानों पर भी छापेमारी की है। इस दौरान टीम ने लेनेदेन के दस्तावेज और डिवाइस के साथ लगभग ढाई करोड़ रुपये कैश जब्त किये हैं। मिली खबर के मुताबिक इस राशि को वॉशिंग मशीन में छिपाकर रखा गया था। 

47 बैंक अकाउंट फ्रीज किये 
ED की टीम ने आगे कार्रवाई करते हुए कंपनी से जुड़े 47 संदिग्ध बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया है। ED से मिली जानकारी के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में कुछ और भी कंपनिया जुड़ी हुई हैं। एजेंसी ने बताया है इन कंपनियों में मैसर्स लक्ष्मीटन मैरिटाइम, मैसर्स हिन्दुस्तान इंटरनैशनल, मैसर्स राजनंदनी मेटल लिमिटेड, मैसर्स स्टावर्ट एलॉय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स भटनागर लिमिटेड, मैसर्स विनायक स्ट्रीट लिमिटेड, मैसर्स वशिष्ठ कंस्ट्रक्सन प्राइवेट लिमिटेड और इनके निदेशक मंडल के सदस्य भी रडार पर हैं। इनकी जांच की जा रही है। बताया कि मामले के तार सिंगापुर से जुड़े हुए हैं।    

क्या है कंपनी पर आरोप 

ED के अधिकारियों ने बताया है कि गैलेक्सी शिपिंग एंड लाजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और हॉरिजन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट को 1,800 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। बता दें कि इन कंपनियों के मुख्यालय सिंगापुर में हैं। चौंकाने वाली बात है कि इन दोनों ही कंपनियों का मालिक एक ही व्यक्ति एंथनी डी सिल्वा नाम का व्यक्ति है। ईडी ने आरोप लगाया है कि कथित सेवा देने के नाम पर दोनों कंपनियों को करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया है। 

 

 

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