द फॉलोअप डेस्क
बुधवार को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया। इस सात सदस्यीय बोर्ड में रक्षा सेवाओं से रिटायर्ड अधिकारी शामिल हैं — वेस्टर्न एयर कमांड के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा, साउदर्न आर्मी के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह और रियर एडमिरल मॉन्टी खन्ना। भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर्ड राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह को भी बोर्ड में जगह दी गई है, जबकि भारतीय विदेश सेवा से रिटायर्ड बी. वेंकटेश वर्मा भी इसके सदस्य हैं। NSAB एक बहुविषयक निकाय है, जिसमें सरकार से बाहर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को शामिल किया जाता है। इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) को दीर्घकालिक विश्लेषण, समाधान और नीति विकल्पों की सिफारिश करना होता है।
यह फैसला उस समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनज़र अपने आवास पर कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक बुलाई थी। प्रधानमंत्री आवास पर बुधवार को हुई इस अहम बैठक के साथ-साथ दो अन्य समितियों—कैबिनेट समिति ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) और कैबिनेट समिति ऑन इकनॉमिक अफेयर्स (CCEA)—की बैठकें भी आयोजित की गईं। कैबिनेट ब्रीफिंग दोपहर 3 बजे निर्धारित है।
कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी, जिसमें पहलगाम में हुए आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई थी। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी।
CCS को दी गई जानकारी में इस आतंकी हमले की सीमा पार की कड़ियों को भी सामने रखा गया। यह भी रेखांकित किया गया कि यह हमला उस समय हुआ जब केंद्र शासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव कराए गए थे और वहां आर्थिक विकास की दिशा में ठोस प्रगति हो रही थी।
इससे एक दिन पहले, मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख उपस्थित थे।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास जताया और स्पष्ट किया कि भारतीय सेना को जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता है।