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चीन में फैली रहस्यमयी बीमारी पर केंद्र सरकार सतर्क, राज्यों को दिया यह निर्देश

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द फॉलोअप डेस्क:

चीन में जारी श्वसन संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं पर भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट हो गया है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में उभर रही सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या जैसी स्थिति को लेकर श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ तैयारी तथा बचाव के उपायों को लेकर समीक्षा करने का फैसला किया है। इससे संबंधित दिशा-निर्देश राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी जारी किया गया है। 

सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की समीक्षा करें राज्य
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को कहा है कि वे अपने-अपने यहां सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर सुविधाओं तथा आपात स्थिति में अस्पताल की तैयारियों की तुरंत समीक्षा करें। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऐसा करते हुए कोविड-19 महामारी के समय निगरानी के लिए जो रणनीतियां बनाने की सलाह दी गई थी उनका अनुपालन करें। 

कोविड-19 के समय दी गई गाइडलाइन का अनुपालन
मंत्रालय ने कहा है कि सभी जिलों और राज्य निगरानी तंत्र द्वारा स्थिति की बारीक निगरानी के लिए जो उपाय किए गए थे उनका ध्यान रखना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि श्वसन संबंधी बीमारियां जैसे कि इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा, निमोनिया और सार्स-कोविड-2 जैसे लक्षणों की स्थिति में गहन निगरानी रखनी है। कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय हालात पर बारीक नजर रख रहा है। फिलहाल अलार्म की जरूरत नहीं है। 

चीन में फैल रही बीमारी को लेकर क्या पता चला है! 
दरअसल, चीन के उत्तर पूर्वी इलाके में लियाओनिंग प्रांत में बच्चों में निमोनिया जैसे लक्षण वाली रहस्यमयी बीमारी फैल रही है। बच्चों में फेफड़ों में सूजन, सांस लेने में परेशानी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण दिख रही है। कुछ बच्चों की मौत की भी खबर है। चीन में इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने यहां स्कूल बंद करने का फैसलि किया है। बता दें कि निमोनिया जैसे लक्षणों वाली यह बीमारी कुछ मामलों में उससे अलग है। दरअसल, निमोनिया के सामान्य लक्षणों में बलगम और बिना बलगम के खांसी, बुखार, ठंड और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं शामिल हैं लेकिन चीन में फैली बीमारी में बिना खांसी के तेज बुखार आ रहा है। फेफड़ों में सूजन दिख रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वह इस बीमारी के बारे में और अधिक जानकारी दे ताकि समय रहते सावधान हुआ जा सके।