द फॉलोअप डेस्क
तमिलनाडु के बाद अब हिंदी विवाद कर्नाटक पहुंच गया है। बेंगलुरु में दुकानों और दूसरी वाणिज्यिक ईकाइयों के साइनबोर्ड में अब अधिक से अधिक कन्नड़ शब्दों का इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया है। बेंगलुरु महानगर पालिका ने इस मामले में एक पत्र जारी कर कहा है कि साइनबोर्ड में कम से कम 60 फीसदी शब्द कन्नड़ भाषा में लिखें। ऐसा नहीं होने पर कानून कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। महानगर पालिका के इस आदेश से कर्नाटक में हिंदी बनाम कन्नड़ की बहस छिड़ गयी है। माना जा रहा है कि इस आदेश से राज्य में हिंदी के प्रसार-प्रचार पर असर पड़ेगा।
डीएमके सांसद मारन के बयान पर विवाद
बता दें कि कुछ दिनों पहले तमिलनाडु में हिंदी बनाम तमिल का विवाद छिड़ चुका है। एक कार्यक्रम में डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने कहा, 'हिंदी बोलने वाले बिहारी टॉयलेट साफ करते हैं'। मारन के इस बयान से बिहार और यूपी सहित पूरे देश में सियासी पारा बढा हुआ है। मारन के इस बयान से उत्तर और दक्षिण भारत के बीच भाषाई मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में आता दिखाई दिया। हालांकि DMK सुप्रीमो एमके स्टालिन अपने नेताओं को बार-बार ऐसे बयान देने से बचने की सलाह देते रहे हैं। इसके बाद भी मारन ने ऐसा बयान देकर हलचल मचा दिया है। इससे पहले DMK के ही सांसद सेंथिल कुमार ने संसद के शीतकालीन सत्र में उत्तर भारतीयों को लेकर विवादित बयान दिया था। बेंगलुरु महानगर पालिका ने आदेश ने इस विवाद को फिर से ताजा कर दिया है।
तेजस्वी दे चुके हैं जवाब
बिहारियों को लेकर विवादित बयान देने वाले DMK नेता दयानिधि मारन को तेजस्वी यादव ने नसीहत दी है। कहा कि बिहार के लोग अगर दूसरे राज्यों में काम ने करें, तो वहां का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाये। कहा कि बिहार के मजदूरों के बल पर ही तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों का जीवन पटरी पर दौड़ता है। कहा कि मारन को बिहारियों का सम्मान करना चाहिये। तेजस्वी ने आगे कहा कि DMK सामाजिक समानता और न्याय में भरोसा करने वाली पार्टी है। उसके सांसद की ओऱ से इस तरह का बयान आना चकित करने वाला है। कहा कि हम किसी भी तरह के ऐसे बयान की निंदा करते हैं।