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प्राण प्रतिष्ठा के पहले पीएम मोदी ने तमिलनाडु के इस प्राचीण मंदिर में की पूजा, क्या है खास बात 

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द फॉलोअप डेस्क 

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratistha) करने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथस्वामी प्राचीण मंदिर में पूजा-अर्चना की। साथ ही उन्होंने मंदिर में कंब रामाणयण के कुछ छंद का पाठ पुरोहितों से सुना। पीएम इस दौरान पारंपरिक तमिल परिधान में दिखाई पड़े। बता दें कि 22 जनवरी को पीएम मोदी के हाथों से ही राम मंदिर, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसके लिए 6 दिन पहले से धार्मिक अनुष्ठान पूरे किये जा रहे हैं। पीएम मोदी के तमिलनाडु के प्राचीण मंदिर में पूजा-अर्चना को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। ये भी जानना प्रासंगिक है कि तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथस्वामी प्राचीण मंदिर में पहुंचने वाले पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। 

क्या खास है इस मंदिर में 

गौरतलब है कि तिरुचिरापल्ली का श्री रंगनाथस्वामी हिंदू धर्म का एक प्राचीण मंदिर है। पुरातत्ववेत्ता इसे संगम युग का बताते हैं। मंदिर का निर्माण चोल, पांड्य, होयसल और विजयनगर के राजाओं के कार्यकाल में किया गया था। मिली खबरों में बताया गया है पीएम मोदी ने पूजा-अर्चना के दौरान मंदिर के हाथी को अपने हाथों से खाना खिलाया औऱ उसका आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर मंदिर के पुरोहितों ने पीएम मोदी को मुकुट भेंट किया जिसे भगवान विष्णु के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। मंदिर जाने से पहले पीएम मोदी ने तमिलनाडु के राज्यपाल के साथ राजभवन के प्रांगण में रुद्राक्ष का पौधारोपण किया। 


इस मूर्तिकार ने बनाई है प्रभु राम की प्रतिमा 
बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पीएम नरेंद्र मोद के हाथों के होनी है। इसकी सारी तैयारी पूरी हो चुकी है। राम मंदिर के लिए रामलला की इस मूर्ति को कर्नाटक प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। वहीं गुरुवार को श्रीरामलला को गर्भगृह में विराजमान करने से पहले विभिन्न संस्कार और पूजन किए गए। योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं। अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं। अरुण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था।