द फॉलोअप नेशनल डेस्क
अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में वे अपनी सीट भी नहीं बचा पाये थे। ये भी गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बंगाल में किसी भी सीट पर विजय हासिल नहीं हुई है। अधीर रंजन चौधरी को बहरामपुर लोकसभा सीट से पूर्व क्रिकेटर और टीएमसी उम्मीदवार युसूफ पठान ने पराजित कर दिया था। कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद से अधीर रंजन चौधरी की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस की ओऱ से शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक बुलाई गयी थी। मिली खबर के मुताबिक इसी के बाद अधीर रंजन चौधरी ने इस्तीफा दिया है।
बहरामपुर संसदीय क्षेत्र से 5 बार सांसद रहे
बता दें कि अधीर रंजन 5 बार बहरामपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गये हैं। इस लोकभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने कहा था कि वह नहीं जानते कि उनका राजनीतिक भविष्य कैसा होगा। कहा था, मुझे अभी तक अपने नेताओं की ओर से कोई फोन नहीं आया है। अधीर ने ये भी कहा था कि जब राहुल गांधी की ‘पूरब-पश्चिम भारत जोड़ो यात्रा’ मुर्शिदाबाद पहुंची तो हमने उसमें हिस्सा लिया। हमारे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार मालदा में प्रचार किया, लेकिन बहरामपुर कभी नहीं आए। इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता ने कहा कि टीएमसी ने जिस तरह से कांग्रेस पर अटैक किया, उसको देखते हुए मेरे लिए जरूरी था कि जवाब दूं। बता दें कि चुनाव के दौरान उन्होंने टीएमसी का तीखे शब्दों में विरोध किया था।
85,000 से अधिक वोट से हारे
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रभारी और पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले अधीर रंजन चौधरी को उनके मजबूत गढ़ माने जाने वाले बहरमपुर में पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। तृणमूल कांग्रेस के स्टार उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने अधीर को 85,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। सियासी हलकों में कहा जा रहा है कि अधीर की पराजय के साथ ही कांग्रेस ने बहरामपुर पर अपनी राजनीतिक पकड़ खो दी है। ये बंगाल में कांग्रेस का अंतिम गढ़ माना जाता था। वहीं, समीक्षा बैठक में कार्यकर्ताओं ने शिकायत की कि टीएमसी के साथ गठबंधन का फैसला टॉप लेवल के नेताओं के स्तर पर लिया गया। इसमें जिला अध्यक्षों तक की राय नहीं ली गयी। इसका भी असर चुनाव परिणाम पर पड़ा।