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भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 800 अंक नीचे तक लुढ़का, निफ्टी 24,550 के लेवल के नीचे हुआ बंद, जानिए आगे क्या होगा 

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द फॉलोअप डेस्क 
आज भारतीय शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांक भारी गिरावट के साथ बंद हुए। दोपहर 1 बजे के आसपास सेंसेक्स में 800 अंकों और निफ्टी में 200 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जिससे बाजार मूल्य में तेज गिरावट आई और निवेशकों की संपत्ति पर गहरा असर पड़ा।

बाजार की स्थिति: दोपहर 1 बजे तक गिरावट का ग्राफ
 सेंसेक्स: 80,644.56
 निफ्टी: 24,521.10
 बीएसई के टॉप 30 शेयरों में से केवल महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सकारात्मक रुझान दिखाया, बाकी 29 शेयरों में गिरावट आई।
 अडानी पोर्ट्स के शेयर में सबसे बड़ी गिरावट, 2.54% की दर्ज की गई।

शेयर बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
1. मिडकैप, स्मॉलकैप और निफ्टी बैंक पर दबाव
मिडकैप, स्मॉलकैप और निफ्टी बैंक शेयरों में भारी दबाव गिरावट का प्रमुख कारण रहा।
 यस बैंक: -10%
 ओला इलेक्ट्रिक: -7%
 सुजलॉन एनर्जी: -4%
 रिलायंस पावर: -4.57%
 IFCI: -3.07%
 IDBI बैंक: -3%

2. आईटी शेयरों में मुनाफावसूली
आईटी सेक्टर में हाल में हुए लाभ के बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू किया, जिससे इस सेक्टर में गिरावट आई। वैश्विक आर्थिक चिंताओं ने इस गिरावट को और बढ़ा दिया।
3. अडानी समूह पर अमेरिकी जांच का असर
अमेरिकी SEC द्वारा अडानी समूह के ईरानी पेट्रोलियम से जुड़े लेनदेन की जांच शुरू करने के बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट आई।
 अडानी पोर्ट्स: -2.5%
 अडानी एनर्जी: -2.26%
 ICICI प्रूडेंशियल: -3.37%
निवेशकों की संपत्ति पर असर: बाजार पूंजीकरण में ₹2 लाख करोड़ की गिरावट
 बीएसई का कुल मार्केट कैप:
   2 जून को: ₹445.50 लाख करोड़
   3 जून को: ₹443.52 लाख करोड़
 कुल गिरावट: लगभग ₹2 लाख करोड़

बाजार गतिविधि पर एक नज़र

 कुल सक्रिय शेयर: 4,055
   तेजी में: 1,732
   नुकसान में: 2,165
   अपरिवर्तित: 158
 ऊपरी सर्किट में: 237 शेयर
 निचले सर्किट में: 201 शेयर
 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर: 98 शेयर
 52-सप्ताह के निम्नतम स्तर पर: 28 शेयर

गिरावट के अन्य प्रमुख कारण
 वैश्विक टैरिफ और व्यापार नीतियों से जुड़ी अनिश्चितताएं, जिससे निवेशकों में डर का माहौल बना।
 मिडकैप और आईटी शेयरों में जारी दबाव और मुनाफावसूली, जिसने समग्र बाजार धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
 अडानी समूह पर चल रही नियामकीय जांच ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी, जिससे ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई।

आगे क्या उम्मीद करें निवेशक?
शेयर बाजार में अल्पकालिक गिरावट के बावजूद दीर्घकालिक निवेशकों को सतर्क और धैर्यवान रहने की सलाह दी जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार:
 आईटी, मिडकैप और अडानी समूह जैसे सेक्टरों में अस्थिरता फिलहाल बनी रह सकती है।
 वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक हालात, टैरिफ नीति और विदेशी बाजारों की चाल आगे भी बाजार की दिशा तय करेंगी।
 दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह गिरावट निवेश के अवसर के रूप में भी देखी जा सकती है, बशर्ते सतर्कता और विवेक का पालन किया जाए।
निवेश में जोखिम बना रहता है, इसलिए किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ सलाह लेना उचित रहेगा।

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