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पटना : नीतीश कुमार ने बिहार के जनमत से खिलवाड़ किया, उलटफेर पर बोली बीजेपी

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पटना: 

बिहार के ताजा सियासी हालात पर भारतीय जनता पार्टी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। बीजेपी बिहार ने एक प्रेस वार्ता करके कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के जनमत के साथ खिलवाड़ किया है। दरअसल, मंगलवार को नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला किया। नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपनी राहें अलग कर ली और राज्यपाल फागु चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और हम के साथ मिलकर सरकार बना ली। वामपंथी पार्टियों ने भी इस सरकार को अपना समर्थन दिया है। लेफ्ट के 16 विधायकों का समर्थन इसे हासिल है। 

सब चाहते थे कि हम एनडीए से अलग हो जायें! 
गौरतलब है कि राज्यपाल फागु चौहान को इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया से मुखातिब नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी लंबे समय से चाहती थी कि हम एनडीए से अलग हो जायें। बैठक में सभी विधायकों, सांसदों और विधान परिषद के सदस्यों ने कहा कि हमें एनडीए से अलग हो जाना चाहिए। पार्टी नेताओं ने कहा कि 2020 से ही बीजेपी, जेडीयू को कमजोर करने की कोशिश में लगी थी। बता दें कि नीतीश कुमार बीते लंबे समय से एनडीए के साथ असहज महसूस कर रहे थे। जेडीयू ने कहा कि गठबंधन में रहते हुए भी बीजेपी अंदरखाने ऑपरेशन लोटस को अंजाम दे रही थी। इसमें चिराग फॉर्मूला अपनाया गया। 

चिराग पासवान ने आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया दी
आरोपों पर एलजेपी के चिराग पासवान ने कहा कि मैं ये गर्व से स्वीकार करता हूं कि हमने 2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार में जेडीयू को तीसरे नंबर की पार्टी बनाने में हमारा अहम योगदान था। उन्होंने, बिहार में राष्ट्रपति शासन की भी मांग कर डाली। 

नीतीश कुमार ने 160 विधायकों का समर्थन सौंपा
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने राज्यपाल को कुल 160 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16 और हम पार्टी के 4 विधायकों का समर्थन शामिल है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस कोटे से उपमुख्यमंत्री होगा वहीं आरजेडी को गृह विभाग मिल सकता है।