द फॉलोअप डेस्क
चीन ने एक बार फिर भारत के अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। इस बार उसने राज्य के 27 स्थानों को चीनी नाम देकर नया नक्शा जारी किया है। भारत ने इस कदम को सिरे से खारिज करते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है। मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और इस तरह की गतिविधियों से यह तथ्य बदलने वाला नहीं है। मंत्रालय ने चीन के प्रयासों को "व्यर्थ और बेतुका" बताया।
विदेश मंत्रालय का बयान:
“हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने के अपने व्यर्थ प्रयासों को जारी रखा है। हमारा रुख स्पष्ट है — अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। नाम बदलने जैसी कवायद से ज़मीनी हकीकत नहीं बदलती।” चीनी विदेश मंत्रालय ने 11 मई, 2025 को यह नई सूची जारी की है, जिसमें 27 स्थानों को नए नाम दिए गए हैं। इस सूची के साथ चीन ने एक नक्शा भी जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को 'दक्षिणी तिब्बत' यानी 'जांगनान' का हिस्सा बताया गया है।
हालांकि, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू का कहना है कि चीन ने दो हफ्ते पहले 22 स्थानों के नाम बदले थे। इससे पहले 2017, 2021, 2023 और 2024 में भी चीन इसी तरह के प्रयास कर चुका है।
साल बदले गए नामों की संख्या
2017 6 स्थान
2021 15 स्थान
2023 11 स्थान
2024 30 स्थान
2025 27 स्थान (अब तक की सूचना)
इन नामों में पहाड़, नदियां, झीलें और बसावट वाले इलाके शामिल हैं, जिन्हें चीनी, तिब्बती और पिनयिन लिपियों में प्रस्तुत किया गया है।