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आज से शुरू होगा 18वीं लोकसभा का पहला सत्र, PM मोदी सहित अन्‍य सदस्‍य लेंगे शपथ

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द फॉलोअप डेस्कः 
आज से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है। सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रोटेम स्पीकर को शपथ दिलाएंगी। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भृतहरि मेहताब और उनके सहयोगी पीठासीन अधिकारियों द्वारा सदन के सदस्यों को सांसद पद की शपथ दिलाई जाएगी। विपक्षी दलों ने प्रोटेम स्पीकर पद पर सत्ता के सदस्य की नियुक्ति को लेकर विरोध किया है और कहा है कि सदन में और भी वरिष्ठ सदस्य थे, जिन्हें नियमों के तहत यह जिम्मेदारी दी जानी थी। करीब दस दिन चलने वाले लोकसभा के इस पहले सत्र में 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होगा। वहीं 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेगी।


इसके बाद दोनों सदनों में 28 जून से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो या तीन जुलाई को चर्चा पर जवाब दे सकते है। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक सत्र की शुरुआत सोमवार से 18वीं लोकसभा के सदस्यों के शपथ से होगी।

पीएम मोदी लेंगे शपथ
इस दौरान प्रोटेम स्पीकर सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी को सदन के सदस्य की शपथ दिलाएगे। इसके बाद चेयर के सहयोगी सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। उसके बाद मंत्रियों व बाकी सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। सत्र के पहले दिन करीब 280 सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी, जबकि बाकी सदस्यों को दूसरे दिन शपथ दिलाई जाएगी। शपथ नाम के आधार पर राज्यानुसार दिलाई जाती है। यानी अ से शुरू होने वाले राज्यों के सांसदों को पहले शपथ दिलाई जाती है।


सदन में दिखेगा बदलाव
18वीं लोकसभा में सदन का नजारा भी इस बार बदला हुआ होगा। अब तक सदन में कुछ बेंचों तक सिमटा रहने वाला विपक्ष इस बार लोकसभा में काफी मजबूत स्थिति में दिखेगा। जहां इस बार उसकी कुल संख्या 234 होगी। इनमें से 99 सदस्य अकेले कांग्रेस के है। वहीं सदन में सत्ता पक्ष की संख्या 293 की होगी, इनमें अकेले भाजपा के 240 सदस्य होंगे।

परीक्षा में गड़बड़ी और अग्निवीर पर विपक्ष हो सकता है हमलावर
सोमवार से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र में विपक्ष इस बार अपनी बढ़ी हुई शक्ति का एहसास कराने से नहीं चूकेगा। यही वजह है विपक्ष ने सत्र से पहले परीक्षा में गड़बड़ी, अग्निवीर व प्रोटेम स्पीकर जैसे मुद्दों को लेकर आक्रामक रुख दिखा सकता है। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में भी सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश कर सकता है। वैसे भी वह पहले ही सत्ता पक्ष के सहयोगियों को लोकसभा अध्यक्ष पद की मांग के लिए उकसाने में लगा हुआ है।