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क्या है गेट कीपर ट्रेनिंग प्लान, कोटा में डिप्रेस्ड स्टूड़ेंट की पहचान के लिए प्रशासन ने उठाया ये कदम 

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द फॉलोअप डेस्क 

कोटा में डिप्रेस्ड स्टूड़ेंट की पहचान के लिए प्रशासन ने गेट कीपर ट्रेनिंग योजना (Gate Keeper Training) की शुरूआत की है। माना जा रहा है कि इससे कोटा पहुंचने वाले डिप्रेस्ड स्टूड़ेंट की पहचान की जायेगी औऱ समय रहते उनकी काउंसेलिंग आदी की जायेगी। इससे कोटा में होने वाली आत्महत्या की घटनाओं में कमी आयेगी। बता दें कि साल 2024 के आरंभ में ही कोटा में छात्रों के सुसाइड और लापता होने की लगभग आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। योजना के तहत हॉस्टल के संचालक, मैनेजर, वार्डन और अन्य कर्मियों को इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रशासन हॉस्टल संचालक एसोसिएशन के साथ तालमेल बनाकर सक्रिय हो गया है। 


5000 लोगों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग 

मिली खबर के मुताबिक गेट कीपर ट्रेनिंग योजना के तहत अब तक 5000 हॉस्टल कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इनको इस बात की ट्रेनिंग दी गयी है कि स्टूडेंट के हावभाव और एक्टिवीटी से कैसे समझ लेना है कि वो डिप्रेशन या इनजाईटी का शिकार है। ट्रेनिंग के दौरान हॉस्टल कर्मियों को बताया कि खाना नहीं खाने वाले, कमरे की सफाई पर ध्यान नहीं देने वाले और ठीक से बात नहीं करने वाले छात्रों की सूचना तुरंत पुलिस, प्रशासन या हॉस्टल प्रबंधन को देनी है। ताकि ऐसे छात्रों की काउंसेलिंग शुरू की जा सके। 


ट्रेनिंग लेने वालों का बनेगा कार्ड

कोटा प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 5000 लोगों को गेट कीपर ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसके लिए 12 दिन में कक्षाओं का आयोजन किया गया। ट्रेनिंग कर चुके लोगों को अलग से एक पहचान पत्र दिया जायेगा। इसमें कर्मी के मोबाइल नंबर के साथ उसके हॉस्टल आदि की पूरी जानकारी रहेगी। साथ ही इसकी पूरी डिटेल संबंधित पुलिस स्टेशन और प्रशासनिक अधिकारियों के पास भी रहेगी। ताकि हादसा होने पर छात्र के बारे में तुरंत पूरी जानकारी इकट्ठा की जा सके।