द फॉलोअप डेस्कः
तमिलनाडु में एक पानीपुरी विक्रेता है उसे GST टैक्स चोरी का नोटिस मिला है। GST विभाग से 40 लाख रुपये का नोटिस मिला है। वहीं यह GST नोटिस फोनपे के रिकॉर्ड के आधार पर जारी किया गया था। बताया जो रहा है कि, यह तो सिर्फ ऑनलाइन भुगतान है। ऐसे में कल्पना कीजिए कि, उस पानीपुरी विक्रेता ने नकद के माध्यम से कितना पैसा कमाया होगा। GST विभाग के जारी नोटिस में कहा गया है कि, “रेजरपे और फोनपे से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर, आपको माल/सेवाओं की बाहरी आपूर्ति के लिए UPI भुगतान प्राप्त हुआ है, और वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए प्राप्त भुगतान कुल मिलाकर 40,11,019 रुपये हैं। ”
नोटिस में कहा गया है कि आगे के विश्लेषण से पता चलता है कि आपने प्रासंगिक सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के साथ टीएनजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के तहत पंजीकरण भी नहीं कराया है। जारी नोटिस में पूछा कि साल 2023-24 में आपने लाखों की कमाई की है। ऐसे में अगर हम मान लें की आपने 50 परसेंट भी रॉ मटरियल पर खर्चा भी किया तो उसका आधा हिस्सा भी एक मिडिल क्लास फैमिली के कई सालों की कमाई है।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस नोटिस के बाद सोशल मीडिया यूजर्स अलग अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। जहां कुछ यूजर्स इस बात पर हैरान हैं कि एक पानीपुरी विक्रेता इतनी बड़ी राशि कैसे कमा सकता है, वहीं दूसरी ओर कुछ यूजर्स सरकार की इस कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं। सोशल मीडिया पर मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. धीरज के. ने कहा कि यह राशि कई मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसरों के वेतन से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि पानीपुरी वाला अपने बिल में जीएसटी जोड़कर सरकार को भुगतान कर सकता है, लेकिन इससे वह प्रतिस्पर्धा में हार जाएगा। वहीं, कई यूजर्स ने नोटिस की प्रामाणिकता पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि यह नोटिस फर्जी हो सकता है और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने के लिए बनाया गया होगा।