द फॉलोअप डेस्क
रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हुए शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यही प्लेटफॉर्म और यहां का वाई-फाई एक दिन किसी की ज़िंदगी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। केरल के मुन्नार के निवासी श्रीनाथ के की कहानी ऐसी ही प्रेरणा से भरी है। उन्होंने रेलवे स्टेशन की वाई-फाई सेवा का इस्तेमाल कर IAS की परीक्षा पास कर ली। दरअसल उन्होंने सीमित साधनों, जिम्मेदारियों और संघर्षों के बीच, उन्होंने अपनी बेटी को बेहतर भविष्य देने का सपना देखा और उसे सच कर दिखाया। उनकी यह यात्रा संघर्ष, समर्पण और संकल्प की मिसाल है।
साधारण से असाधारण तक का सफर
श्रीनाथ रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते थे। एक साधारण मिडल-क्लास परिवार से आने वाले श्रीनाथ अपने परिवार के लिए अकेले कमाने वाले सदस्य थे। 2018 में, जब उनकी एक साल की बेटी थी, उन्होंने महसूस किया कि कुली का काम उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था। बेटी को बेहतर शिक्षा और संसाधन देने की तमन्ना ने उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा दी।
मोबाइल और फ्री वाई-फाई बना साथी
श्रीनाथ के पास महंगी कोचिंग क्लासेज़ या किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। 2016 में रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सुविधा शुरू हुई। उन्होंने इस सुविधा को अपने सपनों को साकार करने का जरिया बना लिया। मोबाइल फोन पर उपलब्ध फ्री स्टडी मटेरियल, वीडियो लेक्चर्स और प्रैक्टिस पेपर्स का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
संघर्ष और मेहनत का सफर
अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए उन्होंने दिन में कुली का काम किया और रात में पढ़ाई की। उन्होंने फ्री ऑनलाइन सामग्री का सहारा लिया और लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे। उनकी मेहनत रंग लाई, और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली।
IAS अधिकारी बनने के बाद श्रीनाथ का सफर उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गया, जो सीमित साधनों के बावजूद अपने सपनों को हासिल करना चाहते हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर आपके इरादे मजबूत हों, तो साधनों की कमी आपकी सफलता में बाधा नहीं बन सकती।
श्रीनाथ की सफलता इस बात का सबूत है कि कठिन परिश्रम और सही दिशा में प्रयास करने से कुछ भी असंभव नहीं। उनका यह सफर उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपनी परिस्थिति से हार मानने के बजाय उन्हें बदलने की कोशिश करते हैं।