द फॉलोअप डेस्क
पंजाब में किसानों के रेल रोको अभियान औऱ बंद का असर देखने को मिल रहा है। बंद के कारण पंजाब में सड़कें खाली दिख रही है और रेलवे स्टेशन सूने पड़े हैं। हालांकि,चंडीगढ़ में बंद का खास असर नहीं नजर आ रहा है। लेकिन जालंधर, लुधियाना, पठानकोट, मोहाली, होशियारपुर और बठिंडा जैसे शहरों में बाजार भी बंद हैं। रेलवे ने भी इसे लेकर पंजाब होकर आने-जाने वाली वंदे भारत समेत 221 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है।
रेलवे ने रद्द की कई ट्रेनें
इस दौरान रद्द की गई ट्रेनों का संचालन जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के लिए भी होता है। इसके अलावा रेलवे की ओर से जम्मूतवी से चलकर यूपी, बिहार समेत देश के कई राज्यों में आने-जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है। साथ ही कैंसिल होने वाली ट्रेनों में शताब्दी एक्सप्रेस और वंदे भारत जैसी ट्रेनें भी शामिल हैं।केवल आपातकालीन सेवाओं का हो रहा संचालन
बता दें कि बंद के दौरान पंजाब में केवल आपातकालीन सेवाओं का ही संचालन हो रहा है। हालांकि, ऐसी उम्मीद है कि शाम 4:00 बजे तक हालात सामान्य हो सकते हैं। इसका कारण है कि किसानों ने शाम 4:00 बजे तक के लिए ही बंद का किया है। वहीं, किसानों के बंद का प्राइवेट बस संचालकों ने भी समर्थन किया है। इस कारण सड़कों पर भी आवाजाही बेहद कम है। साथ ही ट्रेनें रद्द होने की वजह से रेलवे स्टेशनों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है।
क्यों बुलाया गया बंद
जानकारी हो कि यह बंद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल के समर्थन में बुलाया गया है। वह कई दिनों से अनशन पर हैं, ऐसे में अब उनकी तबीयत गंभीर बनी हुई है। डल्लेवाल ने भूख हड़ताल को लेकर कहा है कि सरकार को MSP कानून लाना चाहिए। सरकार जब तक इसके बारे में ऐलान नहीं करती है तब तक वह अनशन करते रहेंगे। वहीं, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि वह डल्लेवाल को जबरदस्ती ही सही, लेकिन अस्पताल ले जाकर इलाज कराए।एक महीने से कर रहे भूख हड़ताल
बता दें कि डल्लेवाल को भूख हड़ताल करते हुए करीब एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। बताया जाता है कि शंभू बॉर्डर पर डटे किसान दिल्ली आना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में डल्लेवाल ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। मिली जानकारी के मुताबिक, पंजाब के नेशनल हाईवेज पर भी सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां वाहन नहीं दिखाई दे रहे हैं। साथ ही बड़ी संख्या में लोग भी नौकरियों पर नहीं निकले हैं। केवल दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा आदि से हिमाचल और जम्मू-कश्मीर जाने वाले निजी वाहन ही राजमार्गों पर नजर आ रहे हैं।
वहीं, किसान संगठनों के प्रतिनिधि सुबह से ही दुकानें बंद कराते नजर आए। बंद का असर उन जिलों में ज्यादा दिखाई दे रहा है, जहां ग्रामीण क्षेत्र अधिक है। इसमें फिरोजपुर, बठिंडा, होशियारपुर, मोगा, पटियाला जैसे जिलों में बंद का असर व्यापक है।
स्कूलों और दफ्तरों में दी गई छुट्टियां
बताया गया है कि बंद को लेकर पंजाब में बड़ी संख्या में दफ्तरों और स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं। इससे बंद के असर को समझा जा सकता है कि किस तरह लोग उसका समर्थन कर रहे हैं। आज डल्लेवाल के अनशन का 35वां दिन है। पंजाब पुलिस के पूर्व अधिकारी जसकरण सिंह के नेतृत्व में एक डेलिगेशन ने रविवार शाम डल्लेवाल से मुलाकात की थी। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने डल्लेवाल को अनशन तोड़ने के लिए राजी करने की कोशिश की थी, लेकिन वो असफल रहे। बता दें कि इस बंद का नेतृत्व किसान नेता सरवन सिंह पंढेर कर रहे हैं। साथ ही इसमें किसानों के हालिया आंदोलन को हरिय़ाणा की खाप पंचायतों का भी समर्थन मिला है।