द फॉलोअप डेस्क
उत्तर प्रदेश के सीतापुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर थाना इमलिया सुल्तानपुर इलाके के हेमपुर रेलवे क्रासिंग के पास स्थित ओवरब्रिज के पास हुई। वहीं, इस वारदात के बाद पत्रकार समाज में शोक और गुस्से का माहौल है।
अज्ञात हमलावरों ने मारी गोली
बताया जा रहा है कि राघवेंद्र बाजपेई एक प्रमुख हिंदी अखबार के तहसील महोली संवाददाता थे। उनके परिवार का कहना है कि दोपहर करीब 2:00 बजे राघवेंद्र को एक फोन आया था, जिसमें तहसीलदार ने उन्हें बुलाया था। इसके बाद वह बाइक से महोली से सीतापुर के लिए रवाना हुए। करीब 9 किलोमीटर के बाद जब वह हेमपुर रेलवे ओवरब्रिज के पास पहुंचे, तभी अज्ञात हमलावरों ने उन्हें गोलियों से भून डाला। फिर मौके से फरार हो गए।
खबरों को लेकर निशाने पर थे राघवेंद्र
वहीं, पुलिस को घटना की जानकारी करीब 300 बजे मिली। राघवेंद्र को पहले जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनके शव का एक्स-रे किया गया, जिसमें 3 गोलियां पाई गईं। घटना के संबंध में मृतक के चाचा ने कहा कि राघवेंद्र की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वह जमीन के विवाद और धान की खरीदारी से संबंधित खबरों को लेकर निशाना बने। परिजनों ने किया पुलिस से सवाल
मिली जानकारी के अनुसार, राघवेंद्र बाजपेई के बड़े भाई की कुछ साल पहले रेल हादसे में मौत हो चुकी थी, जिसके बाद उनके पिता की मानसिक स्थिति भी खराब हो गई थी। पत्रकार के परिवार की स्थिति अत्यंत दयनीय है। ऐसे में परिजनों को हत्या की सूचना मिली, तो वे अस्पताल में ही बेहोश हो गए। उनकी मौत के बाद परिजनों ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने से पहले पुलिस पर सवाल उठाए और कहा कि अगर एक पत्रकार को इस तरह से गोली मारी जा सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा।
4 टीमों का किया गया गठन
जानकारी हो कि सीतापुर पुलिस ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए 4 टीमों को गठित किया है। साथ ही CCTV फुटेज की जांच कर रही है। SP (साउथ) प्रवीण रंजन सिंह का कहना है कि यह घटना किसी शार्प शूटर के द्वारा की गई प्रतीत होती है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आईं सामने
वहीं, वारदात के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। घटना को लेकर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधी अब शासन से भी अधिक ताकतवर हो गए हैं। उन्होंने योगी सरकार से दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाने की मांग की। वहीं, यूपी कांग्रेस ने भी इस हत्या को लेकर कड़ी आलोचना की और कहा कि प्रदेश में 'जंगलराज' कायम है, जिसमें हर रोज किसी न किसी की जान जाती है और सत्ता में बैठे लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।