द फॉलोअप डेस्क
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला डॉक्टर के परिवार और सीबीआई की उस मांग के विपरीत है, जिसमें आरोपी को फांसी की सजा देने की बात कही गई थी। जज अनिर्बान दास ने अपने निर्णय में कहा कि संजय रॉय को उम्रकैद की सजा दी जा रही है, जिसके तहत वह अपनी पूरी जिंदगी जेल में बिताएगा। उन्होंने इसे "रेयरेस्ट ऑफ द रेयर" मामला मानने से इनकार किया।
सीबीआई ने कोर्ट में तर्क दिया था कि यह एक दुर्लभतम अपराध है और आरोपी को फांसी की सजा ही दी जानी चाहिए। लेकिन बचाव पक्ष ने इस तर्क का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे कई मामलों में फांसी की सजा नहीं दी जाती। जज ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद उम्रकैद की सजा को उपयुक्त माना। इस घटना के बाद कोलकाता और देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। मामला इतना गंभीर था कि सर्वोच्च न्यायालय ने इसकी जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी।
इसके साथ ही अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये की मुआवजा राशि प्रदान की जाए। यह दर्दनाक घटना 9 अगस्त को उस समय हुई थी, जब द्वितीय वर्ष की ट्रेनी डॉक्टर अस्पताल में रात्रि ड्यूटी पर थी। आरोपी संजय रॉय, जो स्वयंसेवी के रूप में कार्यरत था, ने पीड़िता को एक कमरे में अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और जघन्य तरीके से उसकी हत्या कर दी।